राज्य सरकार ने उप्र. लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) की भर्ती परीक्षाओं को और भी फूलप्रूफ बनाने के लिए चार सेट में प्रश्नपत्र बनवाने का फैसला किया है। अब तक प्रश्नपत्र तीन सेट में तैयार होते हैं। अब अलग-अलग रंग के लिफाफों में गोपनीय कोड के साथ प्रश्नपत्रों को परीक्षा केंद्रों पर भेजा जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (प्रक्रिया का विनियमन संशोधन) अध्यादेश 2025 संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट ने विधानमंडल में रखने को स्वीकृति दे दी है।
इसके तहत अधिनियम 1985 की धारा 10 की उपधाराओं एक, तीन, चार व पांच में संशोधन किया गया है। उपधारा एक में तीन सेटों में प्रश्नपत्र तैयार किए जाने की व्यवस्था है। इसे चार सेट में बनवाने की व्यवस्था की गई है। प्रश्नपत्रों को चार विशेषज्ञों से अलग-अलग तैयार कराया जाएगा। उपधारा तीन में पेपर सेट करने वाले विशेषज्ञों से प्राप्त प्रश्नपत्रों को मुहरबंद लिफाफे में उनसे रसीद लेकर दिए जाने की व्यवस्था है। इसे बदलते हुए अलग-अलग स्थान के पेपर सेट करने वालों से चार सेट में इसे बनवाया जाएगा।
उपधारा तीन में ही तीन पेपर सेट करने वालों से मुहरबंद लिफाफे में रसीद लेकर जांच करने वालों को देने की व्यवस्था है। अब चार सेट में रसीद लेकर छापने के लिए दिया जाएगा। उपधारा चार में जांच करने वाला तीनों प्रश्नपत्रों का परीक्षण करेगा और उन्हें अलग-अलग रखेगा व अपनी मुहर लगाएगा। इस पर पहचान का कोई चिह्न नहीं लगाएगा। इसे परीक्षा नियंत्रक या उसकी ओर से नामित व्यक्ति को रसीद लेकर देगा। इसे अब चार सेटों में दिया जाएगा।
किसी भी गड़बड़ी के लिए मुद्रक ही होगा जिम्मेदार
उपधारा पांच में मौजूदा व्यवस्था के अनुसार परीक्षा नियंत्रक किसी विषय के किसी भी एक प्रश्नपत्र को मुहरबंद लिफाफे को बिना खोले चुनेगा और उसे छापने के लिए भेजेगा। इसे छापने वाला ही इसका प्रूफ भी पढ़ाएगा। परीक्षा नियंत्रक की ओर से दी गई सूचना के अनुसार सभी परीक्षा केंद्रों पर मुहरबंद पैकेट में भेजेगा। परीक्षा नियंत्रक अब दो लिफाफों को बिना खोले चुनेगा और उसे छपाई के लिए भेजेगा। परीक्षा नियंत्रण की ओर से दी गई सूचना के अनुसार अलग-अलग रंगों में गोपनीय कोड के साथ इसे भेजा जाएगा और किसी भी तरह की गड़बड़ी के लिए मुद्रक ही जिम्मेदार होगा।