उरई कंपोजिट कन्या प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की माताओं को फोन कर परेशान करने के आरोप में बीएसए ने निलंबित कर दिया है। ग्रामीणों ने डीएम से मिलकर उन पर बच्चों को सही ढंग से न पढ़ाने और विद्यालय में मोबाइल फोन पर वीडियो देखने के आरोप भी लगाए थे। डीएम के निर्देश पर बीईओ ने जांच की तो मामला सही पाया गया। बीईओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर बीएसए ने निलंबर की कार्रवाई कर प्रधानाध्यापक को परिषदीय स्कूल धंगवा से संबद्ध किया गया है। इस मामले में प्रधानाध्यापक का कहना है कि ग्रामीण बेवजह परेशान करते हैं, उनकी झूठी शिकायत की गई है।
उरई शहर के मुहल्ला सुशील नगर निवासी दशरथ सिंह कुशवाहा डकोर ब्लाक के कंपोजिट कन्या प्राथमिक विद्यालय अकोढ़ी बैरागढ़ में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। सोमवार को गांव के कुछ ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम राजेश कुमार पांडेय से मुलाकात की। उन्हें बताया कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक दशरथ सिंह शैक्षिक कार्य में लापरवाही करते हैं। स्कूल का कोई भी काम जिम्मेदारी से नहीं करते हैं। बच्चों से नंबर लेकर उनकी माताओं से घरेलू बातें करते हैं। विद्यालय आने के बाद उनका ज्यादातर समय मोबाइल फोन पर वीडियो देखने में गुजर जाता है।
उनका बच्चों की पढ़ाई की ओर कोई ध्यान नहीं रहता है। उनकी शिकायत सुनकर डीएम ने बीएसए चंद्रप्रकाश से जांच कराने को कहा था। बीएसए ने बीईओ (खंड शिक्षाधिकारी) प्रीति से पूरे मामले की जांच कराई तो गांव की कई महिलाओं ने फोन करने की बात कही और काल लिस्ट में वह मोबाइल नंबर भी दिखाया जिससे प्रधानाध्यापक उनसे बात करते थे। इसके बाद जांच रिपोर्ट मंगलवार को बीईओ ने बीएसए को दी। शाम को जांच रिपोर्ट के आधार पर बीएसए ने प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया। निलंबित प्रधानाध्यापक का कहना है कि गांव के लोग रुपये की मांग करते हैं। इन्कार करने पर झूठी शिकायत की गई। उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। बीएसए ने बताया जांच रिपोर्ट मिलने के बाद निलंबन की कार्रवाई की गई है। प्रधानाध्यापक को डकोर ब्लाक के ही धगवां परिषदीय स्कूल में संबद्ध कर दिया गया है।