आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करते समय आप आय से जुड़े स्त्रोतों के साथ छूट के दावों का ठीक से उल्लेख करें, क्योंकि आयकर बचाने के चक्कर में किए गए गलत दावों की पोल एआई खोल रहा है।
रिटर्न के समय किए गए दावों का मिलान करने के लिए आयकर विभाग एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी (एआई) का इस्तेमाल कर रहा है, जिसकी मदद से बड़ी संख्या में ऐसे रिटर्न का पता चला है, जिनमें गलत तरीके से राजनीतिक दलों और ट्रस्ट को चंदा देने का दावा किया गया। जब एआई ने मिलान किया तो पता चला कि ऐसा कोई चंदा दिया ही नहीं गया।
बीते वर्ष तक आयकर विभाग रिटर्न भरने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद एआई के जरिए रिटर्न में किए गए दावों का सत्यापन करता था। मगर इस बार प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। आयकर रिटर्न भरने के कुछ ही दिनों बाद एआई की मदद से दावों की जांच की जा रही है। अगर रिटर्न में करदाता द्वारा आय, खर्च, निवेश से जुड़े दावे सही पाए जाते हैं तो रिफंड एक सप्ताह में जारी किया जा रहा है। अगर किसी रिटर्न में दावों का मिलान सही से नहीं होता है तो फिर जांच की जा रही है। एआई की जांच में साफ हो जाता है कि संबंधित पैन नंबर पर भरे गए रिटर्न और उसके पीछे गए दावे सही हैं या नहीं।
लाखाें मामलों की जांच
बीते वर्ष देश में 10 लाख से अधिक रिटर्न भरने में गलत दावे किए गए, जिन्हें एआई ने चिह्नित किया है। इन रिटर्न को उन लोगों ने भरा था, जो चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां अकाउंट देखते हैं। इन्होंनेे लोगों को कर बचाने का लालच देकर फर्जी दावे कर रिटर्न दाखिल किए।