बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराए जाने से उठे राजनीतिक भूचाल के बीच, चुनाव आयोग ने इसे पूरे देश में एक साथ कराने की तैयारी शुरू कर दी है। आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को एसआईआर कराने के लिए अपनी-अपनी तैयारी पूरी करने का आदेश दिया है।
चुनाव आयोग की ओर से बिहार को छोड़कर सभी प्रदेशों के सीईओ से कहा गया है कि पूरे देश में मतदाता सूची के एसआईआर के लिए 1 जनवरी, 2026 को अहर्ता माना जाए। यानी इस तिथि तक मतदाता सूची में शामिल सभी मतदाताओं से गणना फॉर्म भरवाया जाएगा। आयोग द्वारा पांच जुलाई को जारी आदेश में सभी प्रदेशों के चुनाव निकायों को बिहार में मतदाता सूची के एसआईआर कराने के लिए 24 जून 2025 को जारी आदेश की कॉपी को भी भेजा गया है। आयोग ने सभी सीईओ को अपने-अपने राज्य में एसआईआर की सभी पूर्व गतिविधियों को पूरा करने के लिए तत्काल समुचित कदम उठाने का निर्देश दिया है। हालांकि, पूरे देश में एसआईआर कब कराया जाएगा, इसका कोई समय नहीं बताया गया है। आयोग ने संबंधित अधिकारियों जैसे एईआरओ, ईआरओ, बीएलओ और पर्यवेक्षकों को समुचित प्रशिक्षण देने को कहा है। सूत्रों के अनुसार, विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग दस्तावेजों को जमा कराने का प्रावधान हो सकता है।
यूपी ने शुरू की तैयारी : आयोग का आदेश मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के सीईओ ने एसआईआर की तैयारी शूरू कर दी है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को 15 जुलाई को जारी आदेश में एसआईआर के लिए सभी जरूरी तैयारी करने का निर्देश दिया है।
बिहार में नहीं मिल रहे करीब सात हजार मतदाता’
नई दिल्ली, वि.सं.। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को कहा कि बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान राज्य में लगभग 7 हजार मतदाता नहीं मिल रहे हैं। आयोग ने कहा कि बिहार में अब सिर्फ 41,10,213 मतदाताओं के गणना फॉर्म आना शेष है जो कि कुल मतदाता का 5.2 फीसदी है। आयोग के अनुसार राज्य में कुल मतदाता का 94.68 फीसदी गणना फॉर्म वापस प्राप्त हो चुका है। अभी 7 दिन शेष बचे हुए हैं। आयोग ने आंकड़ों की जानकारी देते हुए कहा कि जिन मतदाताओं का फॉर्मों को एकत्र नहीं किया जा सका, उनकी सूची सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा की जा रही है।