यूपी बोर्ड से संबद्ध 335 स्कूलों की मान्यता छिनेगी। बोर्ड की ओर से ऐसे स्कूलों की सूची तैयार की गई है जहां लगातार तीन साल से नामांकन शून्य है। इन स्कूलों ने मान्यता तो ली, लेकिन न तो विद्यार्थियों का प्रवेश हो रहा है और न ही इनके बच्चे हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में शामिल हो रहे हैं।
अब इन स्कूलों को नोटिस जारी करके शून्य नामांकन का कारण पूछा जाएगा और ठोस कारण न होने पर मान्यता समिति में विचार के कारण मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई की जाएगी। 2026 की बोर्ड परीक्षा से पहले मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई पूरी होने की उम्मीद है। बोर्ड सचिव भगवती सिंह का कहना है कि लगातार शून्य नामांकन वाले स्कूलों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले दिसंबर 2022 में पूर्व सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने 178 ऐसे स्कूलों की सूची तैयार की थी। स्कूलों को नोटिस जारी करने के बाद मान्यता वापस ली गई थी।
नकल में फंसे स्कूलों पर भी हो सकती है कार्रवाई
उन स्कूलों की मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई भी हो सकती है जहां 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षा के दौरान सामूहिक नकल पकड़ी गई थी। उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम 2024 के तहत सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। यह अधिनियम लागू होने के बाद 2025 में पहली बोर्ड परीक्षा हुई है।