लखनऊ। प्रदेश में आउटसोर्स के माध्यम से होने वाली भर्तियों में आरक्षित वर्गों को आरक्षण का पूरा लाभ दिया जाएगा। भर्तियों के लिए रिक्त कुल पदों में 21%एससी, 2% एसटी व 27% ओबीसी वर्गों से भरा जाएगा। कार्मिक विभाग द्वारा विधानसभा भेजी गई जानकारी में इसका विस्तृत उल्लेख है। इसमें कहा गया है कि स्थाई भर्तियों की तरह आउटसोर्स भर्तियों में भी आरक्षण नियमों का शत-प्रतिशत पालन सख्ती के साथ किया जाएगा।
प्रदेश के सरकारी विभागों में स्थाई के साथ ही आउटसोर्स के माध्यम से भी कर्मियों की भर्तियां की जा रही है। उच्च स्तर पर हुई बैठक में यह सहमति बनी है कि निजी एजेंसियों के जरिए आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती आरक्षण नियमों का पालन करते हुए पूरी पारदर्शिता के साथ की जाए। यूपी में मौजूदा समय 1.91 लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मी कार्यरत हैं।
कार्मिक विभाग द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि सरकारी, निगमों और परिषदों आदि में अनुबंध के आधार पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से जहां भी भर्तियां की जा रही हैं, उसमें आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। उदाहरण के लिए कुल रोजगार का 21% अनुसूचित जाति, दो फीसदीअनुसूचित जनजाति और 27% अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों से भरा जाएगा।
भर्ती के लिए जरूरत का होगा आकलन
आउटसोर्स पर भर्ती के लिए जरूरत का आकलन किया जाएगा। देखा जाएगा कि कितने पदों पर भर्ती से काम चलेगा। इसके लिए पहले उच्च स्तर से अनुमति ली जाएगी। इसमें साफ तौर पर उल्लेख होगा कि कितने पदों को एजेंसी के माध्यम से भरा जाएगा और इसमें आरक्षित वर्गों के लिए कितना है। एजेंसियों से आने वाले कर्मियों को इसके आधार पर ही कार्यभार ग्रहण कराया जाएगा।