21 August 2025

हर बच्चे के हाथ में होगी रंग-बिरंगी स्टेशनरी


 लखनऊः प्रदेश के 53 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों और बालवाटिकाओं में पढ़ने वाले नौनिहालों की पढ़ाई और भी रंगीन हो जाएगी। इन बच्चों को हर महीने स्टेशनरी मिलेगी। पेंसिल, क्रेयान, वाटर कलर, चार्ट, फ्लैश कार्ड और कार्यपत्रक जैसी चीजें अब बच्चों की पढ़ाई का हिस्सा होंगी। यह कदम बच्चों की रचनात्मकता को निखारने और शुरुआती पढ़ाई की मजबूत नींव रखने के उद्देश्य से उठाया गया है। अब बच्चों की पढ़ाई सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि रंगों और चित्रों के साथ और भी रोचक बनेगी।



समग्र शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार ने इसके लिए 26.53 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है। कुल 10 महीने के लिए इन पर 53.07 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रत्येक केंद्र को 1000 रुपये प्रतिमाह स्टेशनरी खरीदने के लिए मिलेंगे। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि स्टेशनरी का उपयोग बच्चों की गतिविधियों और कला-कौशल आधारित पढ़ाई में किया जाए। बच्चों को हर दिन इस्तेमाल की गई सामग्री को सुरक्षित रखने के लिए भी कहा गया है, ताकि उसे अगले दिन दोबारा उपयोग किया जा सके। स्टेशनरी खरीदने का जिम्मा विद्यालय प्रबंध समिति का होगा, जिसमें प्रधानाध्यापक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाइजर और प्री-प्राइमरी नोडल शिक्षक शामिल होंगे। वहीं, डायट प्राचार्य मासिक समीक्षा बैठक में प्रगति की निगरानी करेंगे और जिला स्तर पर रिपोर्ट लेंगे।