नई दिल्ली। सरकार ने लोकसभा को बताया कि यदि किसी मृतक सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र जीवनसाथी या पुत्र न होने पर उनकी अविवाहित, विधवा या तलाकशुदा बेटियां पेंशन की हकदार हैं। बशर्ते वह कुछ शर्तों को पूरा करें।
केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को बताया, इसकी पात्रता के लिए शर्त यही है कि माता-पिता के जीवित रहते बेटी उन पर निर्भर रही हो। बेटी के पति की मृत्यु हो गई हो। बेटी का तलाक हुआ हो या उसके जीवनसाथी के जीवनकाल में किसी सक्षम न्यायालय में तलाक की कार्रवाई की गई हो।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग की ओर से अधिसूचित केंद्रीय सिविल सेवा
(पेंशन) नियम, 2021 और उसके बाद 2022 में जारी ज्ञापन में कई प्रावधान शामिल किए गए हैं, जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि मृतक सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की तलाकशुदा या विधवा बेटी को पारिवारिक पेंशन मिल सके.
रेलवे और रक्षा कर्मचारियों के लिए समान प्रावधान
सिंह ने बताया कि रेलवे और रक्षा कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों के लिए अलग-अलग नियमों के तहत समान प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा, पेंशन तब तक जारी रहेगी जब तक बेटी की शादी नहीं हो जाती या उसका पुनर्विवाह नहीं हो जाता या जब तक वह अपनी आजीविका कमाना शुरू नहीं कर देती।