27 September 2025

कैबिनेट फैसले: यूपी में पांच लाख छात्रों को दीपावली से पहले छात्रवृत्ति, नगर निकायों में 3061 भर्तियों का रास्ता साफ

  प्रदेश में पिछले वर्ष छात्रवृत्ति पाने से वंचित रह गए पांच लाख से अधिक छात्रों को दीपावली से पहले छात्रवृत्ति मिल जाएगी। शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में समाज कल्याण विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। शिक्षण संस्थानों की ओर से छात्रों का मास्टर डाटा लॉक न करने, परीक्षा परिणाम घोषित न होने, बजट की कमी व अन्य कारणों से छात्र छात्रवृत्ति से वंचित रह गए थे।


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वर्ष 2024-25 के सामान्य, एससी-एसटी, ओबीसी व अल्पसंख्यक श्रेणी के ऐसे करीब 5.86 विद्यार्थी हैं, जिन्हें शिक्षण संस्थानों की लापरवाही के कारण छात्रवृत्ति से वंचित होना पड़ा था। बड़ी संख्या में छात्रों को छात्रवृत्ति न मिल पाने की जानकारी जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मिली तो उन्होंने सख्त नाराजगी जताई। फिर इन छात्रों को छात्रवृत्ति वितरित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया। यही नहीं इस गड़बड़ी के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है। शुक्रवार को छात्रवृत्ति वितरण समारोह में फिर मुख्यमंत्री ने शिक्षण संस्थानों को चेतावनी दी कि छात्रवृत्ति पर लापरवाही न बरतें कड़ी सजा दी जाएगी। ‘हिन्दुस्तान’ ने संस्थानों की गलती से छह लाख छात्र वजीफे से वंचित शीर्षक से 19 अगस्त को खबर छापी थी। फिलहाल इन छात्रों को बड़ी राहत मिल गई है। 

नगर निकायों में 3061 भर्तियों का रास्ता साफ

लखनऊ। राज्य सरकार ने शहरी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश पालिका (केंद्रीयत) सेवा नियमावली-2025 को मंजूरी दे दी है। इसमें नए पदों पर भर्ती के लिए योग्यता और वेतनमान तय किया गया है। इससे कॉडर पुनर्गठन के बाद बढ़े पदों में खाली करीब 3061 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। नगर विकास विभाग ने 24 सितंबर 2024 को उत्तर प्रदेश पालिका केंद्रीयत सेवा नियमावली में 28वां संशोधन कर कॉडर पुनर्गठन किया था। इसके बाद इसके पदों की संख्या 3085 से 6686 हो गई। भरने के लिए तब नियमावली में शैक्षिक योग्यता और वेतनमान का प्रावधान नहीं किया गया। पेंच फंसने पर नियमावली में 29वां संशोधन करते हुए भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता और वेतनमान तय किया गया है। अर्बन प्लानिंग और पर्यावरण सेवाओं के लिए पर्यावरण अभियंता-नगर नियोजक रखने का प्रावधान किया गया है।