आपत्तियों पर विषय विशेषज्ञ लेंगे निर्णय
आयोग की ओर से अदालत में दाखिल किए गए हलफनामे में कहा गया है कि अंतरिम आंसर-की और प्रश्नपत्र पर उम्मीदवारों से प्राप्त आपत्तियों को संबंधित विषय के विशेषज्ञों के एक समूह के समक्ष रखा जाएगा। वह समूह सभी पहलुओं पर विचार करेगा और अंतिम निर्णय लेगा। आयोग ने कहा कि विषय विशेषज्ञों की टीम द्वारा तैयार की गई ऐसी अंतिम आंसर-की प्रारंभिक परीक्षा के परिणामों की घोषणा का आधार बनेगी। हलफनामे में कहा गया है कि आयोग इन प्रक्रियाओं का पालन यथाशीघ्र आरंभ करना चाहता है।
नई दिल्ली, एजेंसी। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे में बताया कि उसने प्रारंभिक परीक्षा के बाद अंतरिम आंसर-की जारी करने का निर्णय लिया है।
हलफनामा पिछले महीने सिविल सेवा परीक्षा से संबंधित एक लंबित याचिका पर दाखिल किया गया था। यूपीएससी ने कहा कि उसने अदालत की ओर से नियुक्त न्यायमित्र के सुझाव समेत विभिन्न कारकों पर विचार किया। आयोग के वकील वर्धमान कौशिक ने बताया किएक संवैधानिक निकाय के रूप में यूपीएससी को सौंपी गई महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए प्रारंभिक परीक्षा के बाद अंतरिम आंसर-की प्रकाशित करने का निर्णय लिया गया। यह भी कहा कि परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों से आपत्तियां मांगी जाएंगी। प्रत्येक आपत्ति पर अभ्यर्थी को तीन प्रामाणिक स्रोत देने होंगे। जिन आपत्तियों में प्रामाणिक स्रोत नहीं होंगे उन्हें खारिज कर दिया जाएगा।