लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट से टीईटी की अनिवार्यता के आदेश के एक महीने बाद भी केंद्र सरकार द्वारा अपना पक्ष स्पष्ट न करने पर प्रदेश के शिक्षकों ने नाराजगी जताई है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने शनिवार को बैठक कर केंद्र सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई और ठोस निर्णय न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से देश भर के शिक्षक नौकरी को लेकर चिंतित हैं। विभिन्न संगठनों ने प्रधानमंत्री व शिक्षामंत्री को हजारों पत्र भेजे हैं, लेकिन अब तक
इस पर केंद्र सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। प्रदेश महासचिव दिलीप चौहान ने कहा, केंद्र सरकार को इसका समाधान प्राथमिकता से करना चाहिए।
प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष शालिनी मिश्रा ने कहा, अगर जल्द ही केंद्र सरकार ने स्थिति स्पष्ट नहीं की तो एसोसिएशन शिक्षक संगठनों के साथ मिलकर देशव्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होगा। बैठक में विधि सलाहकार आमोद श्रीवास्तव, विनीत सिंह, शशि प्रभा सिंह, राकेश तिवारी, सुशील रस्तोगी, धर्मेंद्र शुक्ला, तुलाराम गिरी, सुशील यादव आदि शामिल हुए.
शिक्षक काली पट्टी बांधकर करा रहे पढ़ाई
टीईटी की अनिवार्यता के विरोध में अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर शिक्षक काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने कहा कि शिक्षक कानूनी लड़ाई के साथ अब आंदोलन की भी तैयारी कर रहे हैं। जल्द केंद्र सरकार ने इस मामले में सकारात्मक कदम नहीं उठाया तो इसकी घोषणा की जाएगी। कहा, 25 साल की सेवा के बाद टीईटी लागू करना अव्यावहारिक है। ऐसे में केंद्र सरकार हस्तक्षेप कर इस मामले का हल निकाले।