आशाओं ने मांगा वेतन, भत्ता और राज्यकर्मियों का दर्जा


लखनऊ :प्रदेश भर से आई आशा कार्यकत्रियों ने सोमवार को ईको गार्डन में वेतन, भत्ता, मेडिकल समेत अन्य मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन के बैनर तले आशा कार्यकत्रियों ने सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिए जाने की मांग रखी। वहीं कार्य स्थल पर होने वाले लैंगिक शोषण के खिलाफ जिला स्तरीय जेंडर सेल के गठन को लेकर आवाज बुलंद की।यूनियन की संयोजिका सरोजनी बिष्ट ने बताया कि प्रदेश में आशा कर्मियों की स्थित अच्छी नहीं है। उन्हें न तो अपने काम का उचित पारिश्रमिक मिलता है। न ही सम्मान मिलता है। उन्होंने आरोप लगाया कि शाहजहांपुर की आशा कर्मियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर सीएमओ के इशारे पर पुलिसिया क्रूरता का शिकार बनाया गया है। सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।

आशा कार्यकत्रियों की प्रमुख मांगे

आशाओं व संगीनियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए ।

21 हजार मासिह वेतन तय हो।

सवेतन मातृत्व अवकाश और मेडिकल अवकाश दिया जाए।

आशाओं का बकाया कोरोना भत्ता, टीकाकरण, कोविड सर्वे, सहित अन्य कार्यों का भुगतान किया जाए।

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