यूपी बोर्ड की परीक्षाएं दो दिन बाद शुरू हो रही हैं, लेकिन इस बार प्रक्रिया इतनी जटिल व लेट है कि अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। दो दिन पहले ही परीक्षा केंद्रों को ड्यूटी करने वाले शिक्षकों की सूची मिली है। ऐसे में शिक्षकों को फोन कर ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए बुलाना पड़ रहा है।
राजधानी में परीक्षा केंद्रों पर ड्यूटी करने वाले शिक्षकों की स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। जिले में 126 परीक्षा केंद्रों पर ड्यूटी करने वाले शिक्षकों का चार्ट स्कूलों को सोमवार से मिलना शुरू हुआ है। इससे केंद्र व्यवस्थापकों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। परीक्षा केंद्रों को बोर्ड की तरफ से प्रश्न पत्र के साथ एक कोड मुहैया कराया गया है। कोड के माध्यम से ही उन्हें ऑनलाइन ड्यूटी चार्ट उपलब्ध हो पा रहा है। चार्ट में जिन विद्यालयों के शिक्षकों की ड्यूटी लगाई है उनके नाम और संपर्क नंबर दिए गए हैं।
इन शिक्षकों को बुलाने की जिम्मेदारी केंद्र व्यवस्थापकों को दी गई है। अब वे चार्ट के अनुसार शिक्षकों को फोन कर अपने यहां पर ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए बुला रहे हैं। जहां एक हफ्ते पहले शिक्षकों को ड्यूटी ज्वाइन कर लेनी चाहिए थी अभी तक उनकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। केंद्र व्यवस्थापक ों के सामने घोर समस्या खड़ी हो गई है। करीब 4,500 शिक्षकों की ड्यूटी लगनी है। यदि दो दिन में शिक्षकों ने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की तो बिना उनके ही परीक्षा करानी पड़ सकती है। डीआईओएस डॉ. अमर कांत सिंह ने बताया कि परीक्षा कार्यालय से भी सभी को फोन कर तत्काल ड्यूटी ज्वाइन करने का निर्देश दिया जा रहा है।
ऐन मौके पर मिला एडमिट कार्ड, सुधार के लिए कहां जाएंबोर्ड ने छात्रों के एडमिट कार्ड भी ऐन मौके पर जारी किए हैं, जिससे स्कूलों और छात्रों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। 16 मार्च को एडमिट कार्ड परीक्षा कार्यालय पहुंचे, और उसी दिन शाम से डीआईओएस कार्यालय ने इसके वितरण की प्रक्रिया शुरू कराई। 17 से स्कूलों में अवकाश घोषित हो गया था। अभी तक सभी छात्रों को एडमिट कार्ड नहीं मिल पाया है। जिन्हें मिला है उसमें कई प्रकार की त्रुटियां हैं। किसी के विषय में गड़बड़ी है तो किसी के नाम में त्रुटि है। परीक्षा से पहले अंतिम समय में छात्र और स्कूल एडमिट कार्ड की त्रुटि में सुधार के लिए भटक रहे हैं। डीआईओएस डॉ. अमर कांत सिंह ने बताया कि एडमिट कार्ड में सुधार के लिए स्कूल केंद्र व्यवस्थापक से संपर्क कर सकते हैं। प्रधानाचार्य के पत्र के माध्यम से परीक्षा केंद्र पर सुधार कराया जा सकता है।