Basic shiksha news : राष्ट्रीय पुरस्कार चयन प्रक्रिया में ढिलाई, शासन नाराज, सिर्फ 18 जिलों की चयन समिति ने भेजा अधूरा ब्योरा


लखनऊ। जिलों से राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार के लिए आए आवेदनों में शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया में ढिलाई बरती जा रही है। स्थिति यह है कि 18 जिलों से ही नाम चयनित करके ऑनलाइन आगे बढ़ाए गए हैं, लेकिन उन शिक्षकों व प्रधानाचायों की एलआईयू से सत्यापन कराकर रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड नहीं की गई है।
प्रदेश के अन्य जिलों ने तो अपने यहां हुए आवेदनों में से योग्य शिक्षकों का चयन ही नहीं किया। इस पर शासन ने नाराजगी जताई है और जल्द प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। जिला स्तर पर शिक्षकों के चयन के लिए बनी समिति में जिलाधिकारी द्वारा नामित एक शिक्षाविद व राजकीय इंटर कॉलेज (बालक/बालिका) के वरिष्ठतम प्रधानाचार्य को सदस्य बनाया गया है। समिति शिक्षकों द्वारा किए गए आवेदन का परीक्षण कर उसे आगे बढ़ाएगी। चयनित शिक्षकों पर कहीं कोई आरोप तो नहीं? इसका सत्यापन स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) से कराने व उसकी रिपोर्ट भी जिलों से आने की व्यवस्था है।


इस क्रम में अलीगढ़, अमरोहा, बागपत, बलरामपुर, बांदा, चित्रकूट, गाजियाबाद, गोंडा, हरदोई, लखीमपुर खीरी ललितपुर, मेरठ, मिर्जापुर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर संत कबीरनगर, सिद्धार्थनगर व सोनभद्र से ही जिला समिति ने नाम आगे बढ़ाए हैं। पर इनकी एलआईयू रिपोर्ट अपलोड होनी बाकी है। बाकी जिलों की समिति से आवेदनों का मूल्यांकन कर नाम अग्रसारित होने हैं।


इस ढिलाई पर जिला विद्यालय निरीक्षकों को माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि जल्द रिपोर्ट भेजें। ढिलाई पर निरीक्षकों के जम्मेदार होने की बात कही गई है। जिले स्तर से आए नामों का परीक्षण राज्य समिति करेगी और उन्हें केंद्र को भेजेगी। वहां निर्धारित प्रक्रिया के तहत अंतिम चयन होगा और शिक्षक दिवस पर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।