गोंडा। माध्यमिक विद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों की सेवाओं के लिए प्रयास शुरू हो गया है। जिले में 125 में से सिर्फ एक हो तदर्थ शिक्षक परीक्षा पास कर सके थे। माना जा रहा है कि अब तदर्थ शिक्षकों को मानदेय पर रखा जाएगा। शासन ने शिक्षकों की लंबी सेवा को देखते हुए मानदेय पर रखने की तैयारी कर रहा है। अधिकारियों से शिक्षकों की नियुक्ति आदि के बारे में पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। डीआईओएस राकेश कुमार का कहना है कि तदर्थ शिक्षकों के मामले में शासन स्तर से निर्णय होना है। जो भी निर्देश मिलेंगे, उसे लागू किया जाएगा।
जिले में 42 सहायता प्राप्त इंटर कालेज हैं, शासन के नियमों के तहत 1998 को तैयार हुई नियमावली से माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड को ही शिक्षकों के नियुक्ति का अधिकार दिया गया। साल 2000 से पूरी तरह तदर्थ शिक्षकों की नियुक्तियां रोक दी गई। स्कूलों के प्रबंधक नियुक्तियां करते रहे, उनका मत था कि बोर्ड शिक्षक उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। कॉलेज के संचालन पर असर पड़ता है। इसके चलते साल 2000 के बाद भी 125 शिक्षकों की नियुक्तियां हुईं। साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट से परीक्षा में अवसर देने के फैसले के बाद एक शिक्षक ही परीक्षा पास कर सके। अभी 124 तदर्थ शिक्षक कार्यरत हैं। इन शिक्षकों को सेवाओं को के लिए निदेशक ने शासन को प्रस्ताव मांगा है। शिक्षकों में उम्मीद जगी है कि
उनकी सेवाएं सुरक्षित रह सकती हैं। हालांकि वेतन भी नहीं मिल रहा है। शिक्षक नेता अजीत सिंह का कहना है कि शासन को तदर्थ शिक्षकों के बारे में शीर्ष निर्णय ले लेना चाहिए।