शिक्षकों और कर्मचारियों को बांटा सवा दो करोड़ का अतिरिक्त भत्ता:बेसिक, माध्यमिक शिक्षा व आयोग के खर्च पर भी नहीं रहा नियंत्रण


सरकारी धन के दुरुपयोग में शिक्षा विभाग भी पीछे नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग ने नगरीय सीमा में शिक्षकों और कर्मचारियों को दो करोड़ 20 लाख 40 हजार रुपये से अधिक का अतिरिक्त आवासीय भत्ता बांट दिया। स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग की ऑडिट रिपोर्ट में इसका खुलसा हुआ है। बड़े पैमाने पर सरकारी धन का दुरुपयोग करने में माध्यमिक शिखा, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग भी पीछे नहीं है।

लोकल फंट ऑडिट विभाग की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में सरकारी धन का कहां और कितना दुरुपयोग किया गया, इसका पूरा उल्लेख है। इसमें आवासीय भत्ते पर दो करोड़ 20 लाख 40 हजार रुपये का अतिरिक्त भुगतान हुआ तो वहीं सात दिसंबर 2010 में दैनिक वेतन भोगी की नियुक्ति पर रोक के शासनादेश के बाद भी कर्मचारियों को नियुक्त दिखाया गया। इन लोगों को तीन लाख 91 हजार 354 रुपये का अनियमित भुगतान किया गया। जिसका खुलासा ऑडिट रिपोर्ट में हुआ। इतना ही नहीं, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में सिक्योरिटी सर्विसेज की नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं था। इसके बाद भी एक एजेंसी को एक लाख दो हजार 10 रुपये का अनियमित भुगतान किया गया।




माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में ऐसे हुआ धन का दुरुपयोग
● माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में अध्यक्ष को परीक्षा से जुड़े गोपनीय काम के लिए छह करोड़ 45 लाख का भुगतान, समायोजन नहीं।

● अध्यक्ष व सदस्यों को मकान किराया, वाहन भत्ता, मोबाइल भत्ते के नाम पर बिना अनुमति 16 लाख 88 हजार 29 रुपये का भुगतान किया।

● संविदा पर नियुक्त विशेष कार्याधिकारी की अनियमित नियुक्ति के कारण 2016-17 में छह लाख 20 हजार 511 रुपये का अनियमित भुगतान।

● वार्षिक लेखा बंदी में बैंक इतिशेष रोकड़बही से कम होने पर बैंक समाधान विवरण न बनाने से 33 करोड़ 64 लाख 17 हजार का व्यपहरण संभावित।

● बिना परीक्षा की तारीख घोषित किए 12 जिलों में ऑनलाइन परीक्षा कराई और लखनऊ एनआईसी को एक करोड़ का अनियमित भुगतान किया।

● बिना स्वीकृति कंप्यूटर ऑपरेटर, ड्राइवर, अनुचर, माली की संविदा से नियुक्ति लखनऊ की एक एजेंसी से की। 34 लाख 97 हजार से अधिक का अनियमित भुगतान किया।

● शासन से अनुमति न होने के बाद भी सचिव को 25 हजार रुपये प्रतिमाह किराए का वाहन दिया, तीन लाख का अनियमित भुगतान।

● सेवा समिति विद्या मंदिर में दुकानों से किराया न वसूलकर नौ लाख 74 हजार 760 रुपये की आर्थिक क्षति पहुंचाई।

● शिव जियावन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लेड़ियारी में ड्राइंग व इस्टीमेट न करने और सत्यापन न कराने पर पांच लाख 68 हजार का गलत भुगतान।

● सरदार वल्लभ भाई पटेल स्मारक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ददौली नहर में बिना टिन वाली एजेंसी को तीन लाख 50 हजार से अधिक का भुगतान।

उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में अनियमितता

● प्रावधान न होने पर भी आउट सोर्स एजेंसियों को 14 लाख चार हजार से अधिक का अनियमित भुगतान, आयकर कटौती न करने से 23 हजार की आर्थिक क्षति।

● आवासीय भवन की मरम्मत का प्रावधान होने के बाद भी 19 लाख 32 हजार से अधिक का अनियमित भुगतान।

● कुलभाष्कर आश्रम डिग्री कॉलेज में बाउंड्रीवाल के नाम पर ठेकेदार को नौ लाख 18 हजार 191 रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया