देश के सभी बीएड अभ्यर्थियों को सलाह एडवोकेट की कलम से....



दोस्तो ,, सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीएड अभ्यर्थियों पर आया आदेश पूरे देश के बीएड अभ्यर्थियों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है,, अभी तक केंद्र सरकार से लेकर तमाम राज्य सरकारों ने चुप्पी साध ली है,,, इस आदेश के बाद बीएड के हितो की रक्षा के लिए अभी कोई सरकार आगे नहीं आई,, बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा आगामी २४ और २५ अगस्त को प्रस्तावित १ लाख ७० हजार शिक्षक भर्ती से बीएड के बाहर होने के खतरे के बीच आयोग द्वारा बीएड को बाहर करने के सवाल पर आयोग के अध्यक्ष ने एक पत्रकार को दो टूक बोला कि NCTE ही अध्यापक शिक्षा एवं शिक्षक हेतु देश की मातृ संस्था है वो जो भी निर्णय लेगी हम उसका पालन करेगे यानि आगामी बिहार शिक्षक भर्ती से तत्काल प्रभाव से बीएड को बाहर करने से उन्होंने स्पस्ट मना कर दिया!

दूसरी तरफ मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती के विज्ञापन मे पहले से ये लिख देना कि बीएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय पर आधारित है इससे बीटीसी के लोगो द्वारा वहाँ बीएड को बाहर करने के लिए मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट याचिका दायर करने की घोषणा करना बीएड के भविष्य पर चिंता का सबब है,,, फिलहाल तो केन्द्र सरकार का शिक्षा मंत्रालय और ncte तुरन्त सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू दाखिल करे या अध्यादेश के जरिये भारत सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को खत्म करे, (उत्तर प्रदेश के ६९००० शिक्षक भर्ती के विज्ञापन पर सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय पर आधारित नहीं लिखना स्पस्ट करता है ये भर्ती से बीएड बाहर नहीं होगा) 

देश के लाखों बीएड धारियों की रक्षा के लिए सरकार की तरफ से निम्न कदम उठाकर बीएड के हितो की रक्षा हो सकती है ।

१) Ncte एक नया गजट जारी कर बीएड धारियों को ६ माह का बीटीसी का कोर्स जल्द करवाकर प्राथमिक मे शामिल कर सकती है 

२) केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति मे बीएड सर्व मान्य डिग्री थी इससे नई शिक्षा नीति को झटका लगा है अतः मोदी सरकार संसद के दो तिहाई दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा सांसद के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के आदेश को खत्म कर सकती है,, जैसा कि हाल मे दिल्ली सेवा अधिनियम पर और पूर्व मे सुप्रीम कोर्ट द्वारा SC ST एक्ट के दुरूपयोग को देखते हुए sc st एक्ट के मौजूदा स्वरूप को खत्म करने पर अध्यादेश लाकर फिर से बहाल कर दिया था,

३) सरकार और NCTE के पास रिव्यू और क्युरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट मे लगाई जाए या एक writ petition के माध्यम मे सुप्रीम कोर्ट द्वारा आये आदेश पर पूर्ण पीठ के गठन का रिक्वेस्ट किया जाए, क्युकि इस आदेश ने जहा सुप्रीम कोर्ट के NCTE पर दिये गए पूर्व के फैसले पर चोट किया है वही इस आदेश से वर्षो बाद भारत की नई शिक्षा नीति पर प्रहार किया है, 


आने वाले दिनों मे उत्तर प्रदेश के बीटीसी और शिक्षामित्रो समेत अन्य राज्यो के शिक्षा डिप्लोमा धारी भी अलग अलग हाईकोर्ट मे बीएड के खिलाफ बीटीसी द्बारा याचिका डाली जायेगी लेकिन बीएड वाले संगठित होकर इनका जवाब दे,,,, इससे पहले भी हम ऐसी परिस्थितिया बहुत देखे है उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रो को शिक्षक पद से बाहर करने वाले बीएड वाले ही थे इसलिए शिक्षामित्र और बीटीसी के लोग साथ मिलकर बीएड के खिलाफ कुचक्र रचना स्टार्ट कर दिये है,, बीएड वालो के लिए अब ये लडाई करो या मरो की साबित होने वाली है,, हम हर परिस्थिति मे जल्द वापसी करेगे,,, जय बीएड संघर्ष मोर्चा

एडवोकेट विनय पांडेय प्रयागराज
बीएड संघर्ष मोर्चा उत्तर प्रदेश