शिक्षकों ने 18 सूत्री मांग पत्र महानिदेशक को सौंपा, ये हैं प्रमुख मांगें



ये हैं प्रमुख मांगें
● पुरानी पेंशन की बहाली

● राज्य कर्मियों की तरह उपार्जित, द्वितीय शनिवार,प्रतिकर व अध्ययन अवकाश, कैशलेस चिकित्सा

● माध्यमिक शिक्षकों की सेवा सुरक्षा संबंधी धारा 21, धारा 18 एवं धारा 12 की बहाली

● प्रत्येक विद्यालय में प्रधानाध्यापक की पदोन्नति एवं तैनाती, सभी शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान, 10 लाख रुपए का सामूहिक बीमा

● वित्त विहीन स्कूलों के शिक्षकों को समान कार्य,समान वेतन दिया जाये

● तदर्थ शिक्षकों विनियमित कर नियमित वेतन भुगतान किए जाये


लखनऊ में शिक्षकों ने सोमवार को शिक्षा निदेशालय में प्रदर्शन किया। दोपहर दो बजे स्कूल महानिदेशक ने शिक्षक नेताओं के प्रतिनिधिमण्डल से मुलाकात की। वार्ता बैठक में आश्वासन दिया कि निदेशालय स्तर पर लंबित मांगें जल्द पूरी कर दी जाएंगी।

नीतिगत निर्णयों के लिए 16 अक्तूबर को शिक्षक नेताओं के प्रतिनिधिमण्डल की शासन के उच्च अधिकारियों से वार्ता कराएंगे। शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित 18 सूत्री मांग पत्र उन्हें दिया। शिक्षकों के विरोध प्रदर्शन के चलते शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चौपट हो गई। ट्रैफिक विभाग के पास पहले से कोई प्लान नहीं था और अंदाजा भी नहीं था कि इतने शिक्षक आ जाएंगे।

प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि शिक्षकों को अधिकारियों ने बंधुआ मजदूर बना दिया है। जब चाहें स्कूल खोल कर शिक्षकों को बुला लेते हैं। शिक्षकों ने स्कूल महानिदेशक के आदेशों पर नाराजगी जतायी। एक माह में शिक्षकों की मांगों का निराकरण नहीं किये जाने पर बड़ा आन्दोलन होगा। वार्ता में शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश शर्मा, संयोजक एवं पूर्व एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी, एमएलसी एवं विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी, हेमसिंह पुण्डीर, सुभाष शर्मा, जगबीर किशोर जैन, संजय सिंह, नरेंद्र कुमार वर्मा, शिव शंकर पांडेय, सुधांशु मोहन, संजीव शर्मा, यशपाल सिंह उपस्थित रहे।

अफसरों पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, उप्र.शिक्षक संघ और उप्र.माध्यमिक शिक्षक के नेतृत्व में सोमवार सुबह सात बजे से ही शिक्षकों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। 10 बजे तक निदेशालय परिसर खचाखच भर गया। शिक्षक नेताओं ने स्कूल महानेदशक विजय किरण आनंद के दोपहर एक बजे तक निदेशालय न आने पर नाराजगी जताई। मंच से ऐलान कर दिया कि दो बजे तक महानिदेशक वार्ता के लिए नहीं आए तो शिक्षक विधान भवन का घेराव करेंगे। इसके कुछ देर बाद ही स्कूल महानिदेशक दफ्तर पहुंचे और वार्ता के लिए शिक्षक संगठन के प्रतिनिधियों को बुलाया।

विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि स्कूल महानिदेशक के शिक्षक विरोधी कार्यो की शिकायत मुख्यमंत्री से करेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का अपमान करने वाले अधिकारियों का विरोध किया जाएगा।