समय पर ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र जमा न करने पर नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडब्ल्यूएस (गरीब वर्ग) कोटे के तहत आरक्षण का दावा करने के लिए प्रमाणपत्र तय समय तक जमा करना जरूरी है। ऐसा न करने पर सरकार को आरक्षण का दावा खारिज करने का अधिकार है।

जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सिविल सेवा के तीन परीक्षार्थियों की याचिका खारिज करते हुए यह बात कही। पीठ ने संघ लोक सेवा आयोग के फैसले को सही ठहराया।


अंतिम तिथि से पहले नहीं किया था प्रमाणपत्र अपलोड

तीनों अभ्यर्थियों ने 2022 की सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए 2020-21 का आय व सही फॉर्मेट में ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र अंतिम तिथि से पहले अपलोड नहीं किया था। इस कारण आयोग ने 5 सितंबर को इन अभ्यर्थियों के ईडब्ल्यूएस कोटे में होने का दावा खारिज कर अनारक्षित श्रेणी में डाल दिया था।

कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील के परमेश्वर ने कहा, ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 10 फीसदी आरक्षण वाले मेमोरेंडम में कहीं नहीं लिखा है कि आरक्षण के लिए प्रमाणपत्र देना अनिवार्य है। 


प्रमाणपत्र के बदले छात्रों की आर्थिक स्थिति को वरीयता दी जानी चाहिए। इस पर पीठ ने कहा, परीक्षा नियमों के मुताबिक इससे संबंधित प्रमाणपत्र पेश करना जरूरी है।