लखनऊ : प्रदेश के बेसिक और माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों ने सोमवार को लखनऊ में अपनी ताकत दिखाई।
उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के बैनर तले बड़ी संख्या में उन्होंने महानिदेशक स्कूली शिक्षा कार्यालय पर प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए। लखनऊ के साथ अलीगढ़, आगरा आजमगढ़, प्रयागराज कानपुर, गोरखपुर, चित्रकूट, झांसी, देवीपाटन, विंध्याचल, वाराणसी, अयोध्या, बस्ती, बरेली, मुरादाबाद मेरठ, सहारनपुर मंडल से 20 हजार से अधिक शिक्षक और पदाधिकारी इस प्रदर्शन में शामिल थे।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद दोपहर एक बजे तक कार्यालय नहीं आए, जिससे नाराज शिक्षक नेताओं ने मंच से घोषणा की, कि अगर वह दो बजे तक वार्ता के लिए नहीं आते हैं तो विधानभवन की ओर कूच करेंगे। इसके बाद महानिदेशक ने महासंघ के प्रतिनिधियों को बुलाकर वार्ता की तब धरना खत्म हो सका। नके साथ बातचीत में तय हुआ कि शिक्षकों की मांगों को लेकर 16 अक्टूबर को शासन स्तर पर उच्च अधिकारियों से वार्ता होगी। इस दौरान उपार्जित अवकाश, स्थानांतरण, चिकित्सा सुविधा आदि सभी बिंदुओं पर वार्ता हुई।
धरने पर बैठे शिक्षक नेताओं ने कहा कि वे सरकार के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उनका आक्रोश शिक्षा अधिकारियों के रवैये को लेकर है । महासंघ के अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि अधिकारी भ्रम फैला रहे हैं कि शिक्षक सरकार से नाराज हैं। इसी भ्रम में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी बेसिक शिक्षकों को अपमानित कर रहे हैं। आज शिक्षकों ने अपने प्रदर्शन से दिखाया है कि शिक्षक सरकार से नहीं हैं, बल्कि शिक्षा अधिकारी से नाराज हैं। पदाधिकारियों ने कहा कि धरना एक माह के लिए स्थगित किया जाता है।