लखनऊ। सरकार ने बृहस्पतिवार को विधान परिषद में कहा कि वह जल्द ही मदरसा शिक्षकों के बकाया मानदेय के लिए अपना अंशदान जारी करेगी।
सपा सदस्य अशुतोष सिन्हा ने यह मामला उठाते हुए कहा कि मदरसा शिक्षकों को कई महीनों से मानदेय और पुराना बकाया नहीं मिल रहा है। अब तक चार शिक्षकों की मौत भी हो चुकी है। सपा सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरोप लगाया कि सरकार धर्म, पंथ के नाम पर भेदभाव कर रही है, जबकि इनमें 60 फीसदी शिक्षक हिंदू हैं। सपा सदस्य लाल बिहारी यादव ने कहा कि सरकार का मानना है कि मदरसों में केवल मजहबी शिक्षा देकर कट्टरपंथी बनाया जाता है। इस पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि सपा
को शिक्षा की नहीं, मुस्लिम बोर्ड मिलने की चिंता है। सरकार ने मजदूर के बेटे को भी हुजूर बनाने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किया है। उन्होंने जल्द ही सरकार की ओर से अपना अंशदान जारी करने का आश्वासन दिया गया।
सभापति ने इस मामले को आवश्यक कार्यवाही के लिए सरकार को संदर्भित करते हुए कहा कि केंद्र से उसका अंशदान मांगा जाए, अथवा राज्य सरकार अपने संसाधनों से भुगतान करे। वहीं डॉ. आकाश अग्रवाल और राजबहादुर सिंह चंदेल ने व्यावसायिक शिक्षा के शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने की मांग की। इस पर माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि राज्य सरकार पुनरीक्षण कर नियमों के मुताबिक निर्णय लेगी