मनमानी छुट्टी लेने में फंसे प्राइमरी के शिक्षक, चार बीईओ कर रहे जांच




प्रयागराज। प्राइमरी विद्यालय के एक शिक्षक पर मनमानी छुट्टी लेने का आरोप लगा है। सर्विस बुक को ऑनलाइन करने के दौरान यह मामला पकड़ा गया। इसके अलावा अध्यापन के दौरान विभाग की बिना अनुमति के ही अलग-अलग विश्वविद्यालयों से पढ़ाई करने और डिग्री लेने का आरोप है। साथ ही शिक्षण कार्य के प्रति लापरवाही बरतने की शिकायत है। उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने चार खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को सौंपी है।

कौंधियारा ब्लॉक के संविलयन विद्यालय उमरी में तैनात अरविंद मिश्रा 1998-99 में बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक बने थे। वह वर्ष 2000 से

पूरी नौकरी में ले सकते हैं 365 दिन का चिकित्सीय अवकाश, पर लिया 385 दिन

2007 तक प्राइमरी विद्यालय बड़ी चितौरी में तैनात रहे। वहां पर तैनाती के दौरान वह 2003 में 51 दिन, 2004 में 196 दिन, 2005 में 138 दिन समेत कुल 385 दिन चिकित्सीय अवकाश पर रहे।

नियमानुसार कोई भी कर्मचारी अपनी पूरी नौकरी में अधिकतम 365 दिन चिकित्सकीय अवकाश ले सकता है। इसके अलावा 2006 और 2007 में भी वह अनुपस्थित रहे। वह चिकित्सकीय अवकाश पर रहे, पर इसका विवरण सर्विस बुक में दर्ज नहीं है। सर्विस बुक के ऑनलाइन होने के दौरान बीएसए ने गड़बड़ी पकड़ी तो जांच के आदेश दिए।

जसरा के बीईओ ने शिक्षक अरविंद मिश्रा को नोटिस जारी करके पूछा कि वह चिकित्सकीय अवकाश किसकी अनुमति से लिए थे। उनके खिलाफ एक शिकायत आई कि उन्होंने वर्ष 2000 से 2021 तक विभाग की बिना अनुमति के ही एमएससी, एमए, बीएड, पीजी डिप्लोमा आदि की डिग्री ली। इसकी जांच बीईओ कौंधियारा अरुण कुमार अवस्थी को दी गई है।

मार्च 2024 में कौंधियारा के प्रधान, ग्रामीणों ने बच्चे को पीटने और शिक्षण कार्य से गैरहाजिर रहने की शिकायत की थी। जांच बीईओ सैदाबाद ने की। शिकायत सही पाई गई तो उनको कौंधियारा से हटाकर अमिलिया कोरांव के विद्यालय में संबद्ध किया गया। साथ ही इस मामले की जांच बीईओ हंडिया को दी गई है।