तथ्य छिपाकर बन गई शिक्षिका...जांच शुरू

 

कानपुर में तथ्यों को छिपाकर गुरुनानक बॉयज इंटर काॅलेज सुंदरनगर में मृतक आश्रित कोटे से नौकरी पाई शिक्षिका के मामले की जांच शुरू हो गई है। सीएम, माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री, अपर मुख्य सचिव और शिक्षा निदेशक से की गई शिकायत में बताया गया है कि माता-पिता दोनों सरकारी नौकरी में थे, इसके बाद भी बेटी को मृतक आश्रित कोटे का लाभ दिया गया है। निदेशक के पत्र पर संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने जांच शुरू करा दी है।


शिकायत के मुताबिक सहायक अध्यापक पद पर डाली बेंस कार्यरत थीं। उनका निधन वर्ष 2017 के फरवरी में हुआ था। तब डाली के पति क्राइस्ट चर्च डिग्री कालेज में एसोसिएट प्रोफेसर थे। उन्होंने 30 जून 2021 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। डाली की बेटी शालिना बेंस ने गुरुनानक गर्ल्स इंटर कॉलेज में मृतक आश्रित कोटे में मां की जगह नौकरी पाने के लिए डीआईओएस कार्यालय में आवेदन किया।

नियम है कि यदि माता-पिता दोनों सरकारी नौकरी में हैं और उनमें से किसी का निधन होता है तो बच्चे मृतक आश्रित का लाभ नहीं ले सकते हैं। इसके बावजूद शालिना के प्रकरण में तत्कालीन डीआईओएस द्वितीय मुन्नीलाल ने गुरुनानक गर्ल्स इंटर कालेज में वाणिज्य में उनकी नियुक्ति करा दी। वहां से वेतन भुगतान में आपत्ति आने पर बिना नियुक्ति निरस्त कराए गुरुनानक बॉयज इंटर कॉलेज में स्थानांतरित करा दिया।



शालिना बेंस ने शिकायत को बेबुनियाद बताया

वर्तमान डीआईओएस अरुण कुमार ने भी नियमों का पालन नहीं किया और वेतन भुगतान शुरू करा दिया। हाल में निदेशालय के अनुमोदन के बिना चार लाख से ज्यादा राशि का एरियर भुगतान भी हो गया। माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता बाबा हरिश्चंद्र दीक्षित की शिकायत पर आला अफसरों ने मामला संज्ञान लेकर जांच बैठा दी है। मृतक आश्रित कोटे का लाभ पाने वालीं शालिना बेंस ने शिकायत को बेबुनियाद बताया।



शालिना बेंस की नियुक्ति के मामले में जांच चल रही है। जल्द ही रिपोर्ट संयुक्त शिक्षा निदेशक को सौंप दी जाएगी।  -अरुण कुमार, डीआईओएस

 

मृतक आश्रित कोटे से नौकरी देने में नियमों का उल्लंघन होने के मामले की शिकायत संज्ञान में हैं। जांच शुरू करा दी है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकेगा।  -मनोज कुमार द्विवेदी, संयुक्त शिक्षा निदेशक (माध्यमिक)