PRIMARY KA MASTER : शिक्षक हुए रिटायर तब मांगा वसूली को मार्गदर्शन

 गोंडा, । जिले में परिषदीय विद्यालयों के निर्माण में अनियमितता के मामले अक्सर आते रहते हैं। इसमें एक और मामला झंझरी ब्लॉक के पथवलिया स्थित कंपोजिट विद्यालय का भी है। स्कूल परिसर में तीन कमरों का निर्माण करीब पंद्रह साल पहले शुरू हुआ था लेकिन आज तक पूरा नहीं हुआ। यह मामला उठने के बाद बीते साल अगस्त में बीएसए ने जांच के निर्देश दिए। इसके बाद शिक्षक के वेतन-भत्तों से करीब 8.33 लाख रुपये की कटौती करने की जांच रिपोर्ट भेजी गई। बीते 31 मार्च को मामले में फंसे शिक्षक रिटायर भी हो गए। जब उन्होंने अपने देयकों के भुगतान के लिए नो-ड्यूज मांगा तो बीएसए ने वसूली के राज्य परियोजना निदेशक से मार्गदर्शन मांगा है।




विकास खंड झंझरी की पथवलिया ग्राम पंचायत में वर्ष 2008-09 में तीन कमरों के निर्माण की स्वीकृति मिली थी। इन कमरों की दीवार खड़ी कर दी गई लेकिन छत नहीं पड़ी। उस निर्माण का जिम्मा शिक्षक वीर विक्रम सिंह को सौंपा गया था। रिटायर होने से पहले उनकी तैनाती मोकलपुर ग्राम पंचायत में थी। वह बीते 31 मार्च को सेवानिवृत भी हो गए। उन्होंने अपने देयकों के भुगतान के लिए जब नो-ड्यूज के लिए आवेदन किया तो बीईओ से लेकर डीसी निर्माण ने उच्च अफसरों से मार्गदर्शन मांगा। इस पर बीएसए ने राज्य परियोजना निदेशक को लिखे पत्र में कहा है कि कंपोजिट विद्यालय पथवलिया में तीन कमरों का निर्माण कार्य अपूर्ण है। डीसी निर्माण और बीईओ झंझरी की जांच रिपोर्ट के अनुसार तीन अतिरिक्त कक्षा कक्ष की दीवारें छत स्तर तक पूरी हैं। डीपीसी भूमि स्तर से नीचे है। उन्होंने इस संबंध में राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा से निर्माण पूरा कराने के लिए धनराशि वसूली के लिए मार्गदर्शन मांगा है। उधर, ग्रामीणों का कहना है कि बीएसए आफिस से बमुश्किल डेढ़-दो किलोमीटर दूरी पर हुई मनमानी की बात अफसरों को 15 साल तक क्यों नहीं पता चली। उनका आरोप है कि सरकारी धन के बंदरबांट के चक्कर में निर्माण पूरा नहीं किया गया।