Plastic Tiifin for Kids: जब बच्चों को स्कूल भेजने की बात आती है तो मां-बाप हर चीज में सुविधा और रंग-बिरंगे विकल्पों को ध्यान में रखते हैं. ऐसा ही एक फैसला है, बच्चों के लिए टिफिन बॉक्स का चुनाव. अधिकतर माता-पिता प्लास्टिक के टिफिन इसलिए पसंद करते हैं, क्योंकि ये हल्के, सस्ते और आकर्षक डिज़ाइन वाले होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो टिफिन आप हर दिन अपने बच्चे को दे रहे हैं, वो कहीं उसकी सेहत के लिए नुकसानदायक तो नहीं?
डॉ. केशव शर्मा की माने तो प्लास्टिक से बने टिफिन बॉक्स, खासतौर पर जब उसमें गर्म खाना रखा जाता है, तो उसमें से निकलने वाले केमिकल्स बच्चों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं।. यह सिर्फ एक मामूली चिंता नहीं, बल्कि बच्चों के हार्मोनल बैलेंस, पाचन तंत्र और यहां तक कि भविष्य की बीमारियों से जुड़ा हुआ विषय है.
बीपीए केमिकल मौजूद होता है
कुछ प्लास्टिक टिफिन ऐसे होते हैं, जसिमें BPA (Bisphenol) जैसे केमिकल्स मौजूद होते हैं. जो गर्मी के संपर्क में आकर खाने को खराब कर देते हैं. ये हार्मोनल असंतुलन, बच्चों के विकास में बाधा और व्यवहार में परिवर्तन का कारण बन सकते हैं.
कैंसर का खतरा
कुछ अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि लंबे समय तक बीपीए और दूसरे केमिकल्स के संपर्क में रहने से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है, विशेषकर अगर बच्चा रोजाना प्लास्टिक टिफिन में खाना खा रहा है.
पाचन तंत्र पर असर
गर्म खाना जब प्लास्टिक टिफिन में रखा जाता है, तो उसमें से निकलने वाले जहरीले रसायन धीरे-धीरे बच्चे के पाचन तंत्र को कमजोर कर सकते हैं, जिससे गैस, अपच और पेट दर्द हो सकता है.
इम्युनिटी पर असर
प्लास्टिक से निकलने वाले टॉक्सिन्स बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे वे बार-बार बीमार पड़ सकते हैं.
सुरक्षित विकल्प क्या हैं
स्टील या कांच का टिफिन बॉक्स चुनें, ये न सिर्फ सुरक्षित हैं बल्कि टिकाऊ भी हैं.
अगर प्लास्टिक का इस्तेमाल कर भी रहे हैं तो बीपीए फ्री और फूड-ग्रेड प्लास्टिक का ही इस्तेमाल करें.
गर्म खाना प्लास्टिक टिफिन में रखने से बचें.
अपने बच्चे की सेहत के लिए थोड़ा सचेत रहना और सही टिफिन बॉक्स का चुनाव करना बेहद जरूरी है. रंग-बिरंगे टिफिन की चमक के पीछे छुपे खतरों को नजरअंदाज न करें. एक छोटी सी सावधानी, आपके बच्चे को कई बड़ी बीमारियों से बचा सकती है.