उठे सवाल: सरकारी प्रेस में क्यों नहीं छपवाते पेपर


उठे सवाल: सरकारी प्रेस में क्यों नहीं छपवाते पेपर


पेपर लीक के बाद एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि गवर्नमेंट प्रेस से प्रश्न पत्र क्यों नहीं छपवाए जाते? प्राइवेट लोगों के हाथ में यह काम क्यों सौंपा जाता है? जब यूपी बोर्ड की परीक्षा के लिए करोड़ों कापियां राजकीय मुद्रणालय में छपवाई जा सकती हैं तो पेपर छपवाने जैसे गोपनीय कार्य को निजी लोगों के हाथ में क्यों दिया जाता है।

प्रिंटिंग फर्म की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही
इस प्रकरण में प्रिंटिंग फर्म की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। इससे पहले परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से कराई गई 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा में भी प्रिंटिंग फर्म ने भारी अनियमितताएं की थी। ऐसे अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया था जो परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए।