बहराइच : कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय से निकाले गए अंशकालिक शिक्षकों को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। उच्च न्यायालय ने राज्य परियोजना निदेशक के आदेश रद्द कर दिया है। इस आदेश के निरस्त होने से जिले के करीब 45 शिक्षकों को राहत मिली है।
राज्य परियोजना निदेशक ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए 14 जुलाई को आदेश जारी किया था। आदेश के बाद प्रदेश के तकरीबन दो हजार अंशकालिक पुरुष शिक्षक (मुख्य विषय) की सेवा समाप्त कर दी गई थी। इसके अलावा तकरीबन 1500 फुल टाइम अध्यापक व वार्डन (गौण विषय) को अंशकालिक शिक्षक बना दिया गया। निकाले गए कर्मचारियों को सवेतन बहाल करने का आदेश। हाईकोर्ट ने रद किया राज्य परियोजना निदेशक का आदेश।
परियोजना निदेशक के आदेश के खिलाफ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में शिक्षक-शिक्षिकाओं ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। प्रदेश महामंत्री रविकांत मिश्र ने बताया कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायाधीश अश्वनी कुमार मिश्र ने 14 जुलाई के आदेश को रद कर दिया है। इसके साथ ही सभी निकाले गए कर्मचारियों को वेतन सहित तत्काल बहाल करने का आदेश दिया है।
उच्च न्यायालय ने अंशकालिक व पूर्णकालिक शिक्षक-शिक्षिकाओं के बीच वेतन विसंगति को भी गलत माना। महामंत्री ने बताया कि इनका वेतन एक समान करने का आदेश उच्चन्यायालय ने दिया है। जिलाध्यक्ष आदर्श मिश्र व शिक्षक मनीष गौड़ ने बताया कि दो साल से संघर्ष कर रहे थे। कस्तूरबा गांधी विद्यालय के जिला समन्वयक दुर्गेश राय ने बताया कि अभी विभागीय स्तर पर आदेश की प्रति नहीं मिली है। मिलने पर विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी।