बेसिक शिक्षा विभाग के 68 शिक्षकों के इंक्रीमेंट रोक, हड़कंप

मुजफ्फर नगर, जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग में हुए धोटालों में से एक छठवे वेतनमान के छह माह बाद ही शिक्षकों के वेतन में इंक्रीमेंट के मामले में बीएसए के आदेश पर वित्त एवं लेखा अधिकारी ने अब सुधार की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इसके तहत चिन्हित किए गए 68 शिक्षकों के इंक्रीमेंट पर रोक लगा दी है। इसके तहत प्रति शिक्षक का 2500 से 2700 रुपये माह कम हो जायेगा, जबकि 1.66 करोड़ 221 रुपये की रिकवरी बाद में रिपोर्ट पूरी होने के बाद की जायेगी। इससे शिक्षकों में हड़कंप मचा है। वह राजनीतिक नेताओं के यहां चक्कर काट रहे है, लेकिन कहीं से रिलीफ मिलता नजर नहीं आ रहा है।



हिन्दुस्तान समाचार पत्र ने एक के बाद एक बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की पदोन्नति से लेकर स्कूलों की कृषि भूमि से होने वाली आय एवं नोशनल पदोन्नति, एवं फर्जी शिक्षकों से रिकवरी और जीपीएफ आदि मामलों में ओडिट के दौरान सामने आयी भारी वित्तीय अनियमिताओं को उजागर किया है। इससे बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा है। अब अधिकारी उक्त मामलों को अपने से पहले का बताते हुए एक एक कर इन प्रकरणों को सुधारने में लग गए है। इनमें एक मामला छठवें वेतनमान के छह माह बाद शिक्षकों के वेतन वृद्धि मे जो भारी त्रुटियां ओडिट के दौरान पकड़ी गयी। इसमें सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी ने 68 शिक्षकों के वेतन निर्धारण में त्रुटि के चलते एक करोड़ 66 लाख 221 रुपये की रिकवरी निकाली है। बीएसए के आदेश पर पर वित्त एवं लेखाअधिकारी ने संज्ञान लेते हुए खंड शिक्षा अधिकारियों को पहले ही रिपोर्ट भेज दी थी। अब मार्च माह के इन शिक्षकों के वेतन में एक इक्रीमेंट पर रोक लगाई जा रही है। बताया जा रहा है कि फिलहाल ओडिट की पूरा नहीं हुआ है। इससे पहले इंक्रीमेंट पर रोक लगाकर कुछ सुधार किया जा रहा है। दूसरे जब ओडिट रिपोर्ट पूरी तैयार हो जायेगी तो एक करोड़ 66 लाख 221 रुपये की रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। इंक्रीमेंट पर रोक लगने का पता लगने पर शिक्षक राजनीतिक नेताओं के यहां चक्कर काट रहे है। सिफारिश भी करा रहे है लेकिन सब कुछ नियमों के तहत होने के कारण उन्हें अधिकारी भी पल्ला झाड़ रहे है। शिक्षकों को कही से रिलीफ मिलता नजर नहीं आ रहा है।


ओडिट रिपोर्ट के अनुसार नोशनल पदोन्नति में हुई गडबड़ी के चलते विभाग को 15 से 20 करोड़ की वित्तीय हानि की प्रबल संभावना है। ऐसे में वित्त एवं लेखा अधिकारी मुन्ना लाल का कहना कहना है कि इसकी भी रिपोर्ट तैयार की जायेगी। ओडिट रिपोर्ट पूरी होने के बाद जैसे ही विभाग को मिलेगी उसके अनुसार कार्यवाही की जायेगी। उक्त रिपोर्ट का परीक्षण किया जायेगा। परीक्षण में वह सही पाई जाती है तो इसकी भी रिकवरी सुनिश्चित की जायेगी।