लखनऊ। माध्यमिक विद्यालयों की दशा संवारने के लिए शुरू किए गए प्रोजेक्ट अलंकार को लेकर अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) कॉलेजों ने अधिक रुचि नहीं दिखाई। आलम यह है कि 4512 कॉलेजों में से मात्र 284 विद्यालयों ने ही अपनी सहमति दी है। कॉलेजों की इस धीमी गति को देखकर आवेदन की अंतिम तारीख 14 अगस्त तक बढ़ाई गई है। पहले अंतिम तिथि 20 जुलाई थी।
शासन की ओर से एडेड कॉलेजों के जीर्णोद्धार, मरम्मत, पुनर्निर्माण व अवस्थापना सुविधाओं के लिए 75 फीसदी सहयोग करने की सहमति दी है। शेष 25 फीसदी कॉलेज को अपने स्रोत, विधायक-सांसद निधि या सीएसआर फंड से करनी है। शासन ने इसके लिए इस वित्तीय वर्ष में 200 करोड़ रुपये का बजट रखा है। इसके बाद भी कॉलेज इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं।
प्रदेश के 4512 एडेड कॉलेजों में 1035 ने प्रक्रिया शुरू की, लेकिन 284 ने ही अपने आवेदन सबमिट किए। इसमें भी मात्र 238 पात्र हैं। ऐसे में विभाग ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, उप शिक्षा निदेशक माध्यमिक व डीआईओएस से योजना का प्रचार-प्रसार करने और ज्यादा से ज्यादा कॉलेजों से आवेदन कराने को कहा है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने भी सभी डीआईओएस को पत्र भेजकर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि जिला व मंडल स्तरीय अधिकारियों की रुचि न लेने के कारण योजना गति नहीं पकड़ नहीं रही है.
सरकार की यह पहल काफी अच्छी और सकारात्मक है। एडेड कॉलेजों का पूरा काम प्रबंध तंत्र के पास होता है। वह आर्थिक सहयोग तो चाहते हैं लेकिन काम अपने अनुसार कराना चाहते हैं। वहीं 25 फीसदी राशि एकत्र करने में भी उन्हें दिक्कत होगी। यही वजह है कि वह इस योजना में कम रुचि दिखा रहे हैं। -संजय द्विवेदी, प्रदेश संयोजक, उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट)
कम आए आवेदन को देखते हुए तारीख 14 अगस्त तक बढ़ाई गई है। अधिकारियों को योजना का लाभ कॉलेजों को बताने और आवेदन बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। कॉलेजों की बेहतरी के लिए अच्छी पहल है, इसका लाभ सभी को उठाना चाहिए। - डॉ. महेंद्र देव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक