MDM : कहीं चूल्हे पर बन रहा भोजन तो कहीं ताक पर रखा मेन्यू, शिक्षकों ने दिया यह तर्क

 ललितपुर। परिषदीय स्कूलों में मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) की व्यवस्था बेपटरी है। कहीं मेन्यू का मजाक उड़ाया जा रहा तो कहीं गैस कनेक्शन होने के बाद भी चूल्हे पर भोजन बनता मिला। चूल्हे के धुएं से बच्चे परेशान नजर आए। महरौनी तहसील के समोगर गांव स्थित संविलियन विद्यालय के नौनिहालों ने बताया कि यहां 14 दिनों से मध्यान्ह भोजन ही नहीं बन रहा है। उन्हें भूख मिटाने के लिए घर जाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। कुछ विद्यालयों में आलू की सब्जी और चावल खाने में था, जबकि मेन्यू में चावल के साथ सब्जी युक्त दाल देना चाहिए। पेश है कुछ स्कूलों की रिपोर्ट...



---------स्कूल में खाद्यान्न नहीं तो कैसे बने भोजन

सिलावन (महरौनी) : ललितपुर-महरौनी मार्ग पर स्थित संविलियन विद्यालय समोगर में मध्यान्ह भोजन की हकीकत जानने अमर उजाला की टीम मंगलवार को साढ़े ग्यारह बजे पहुंची। नौनिहालों ने बताया कि 14 दिनों से मध्याह्न भोजन बना ही नहीं है। रसोईया ने बताया कि कई दिनों से खाद्यान्न सामग्री नहीं होने से भोजन नहीं बन पा रहा है। प्रधानाध्यापिका अंजू कुमारी ने बताया कि 6 मार्च के बाद से खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध नहीं है। जैसे ही व्यवस्था होगी, मध्यान्ह भोजन बनने लगेगा। यहां प्रधान व कोटेदार की आपसी खींचतान के चलते खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध नहीं हो पा रही है।


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समोगर विद्यालय में मध्याह्न भोजन नहीं बनने की जानकारी है। खाद्यान्न समस्या के चलते ऐसी स्थिति है। मंगलवार को ही खाद्यान्न उठाना सुनिश्चित हो गया है। - राजकुमार पुरोहित-खंड शिक्षा अधिकारी-महरौनी

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यह है व्यवस्था

विद्यालयों में मध्यावकाश में छात्र-छात्राओं को स्वादिष्ट, पौष्टिक एवं रुचिकर भोजन प्रदान दिया जाता है। प्राथमिक स्तर पर प्रति छात्र 100 ग्राम गेहूं या चावल उपलब्ध कराया जाता है। खाद्यान्न से भोजन पकाने के लिए परिवर्तन लागत दी जाती है। इससे सब्जी, तेल, मसाले एवं अन्य सामग्री की व्यवस्था की जाती है। प्राथमिक स्तर के नौनिहालों को भोजन में कम से कम 450 कैलोरी ऊर्जा व 12 ग्राम प्रोटीन देना आवश्यक है। मेन्यू के अनुसार मंगलवार को चावल, सब्जी, दाल अथवा चावल सांभर दिया जाता है।

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विद्यालय में 14 दिन से मध्याह्न भोजन नहीं बना है। इस कारण छात्र-छात्राओं को परेशानी हो रही है।--ईशिका



ज्यादातर बच्चे मध्यावकाश में घर जाकर भोजन करने को मजबूर हैं। विद्यालय में जल्द भोजन बनना चाहिए।-मोहित

--------------स्कूल का गेट किया बंद, नहीं बताया क्या बना


कड़ेसरा कलां (तालबेहट)। पूर्व माध्यमिक विद्यालय कडे़सरा कलां में मध्याह्न भोजन का जायजा लेने मंगलवार दोपहर करीब 12.30 बजे टीम पहुंची तो स्कूल का गेट बंद करवा दिया गया। प्रधानाध्यापक ने कहा कि विभागीय अधिकारी की अनुमति के बगैर वह मध्याह्न भोजन में क्या बनाया गया है, इसकी जानकारी नहीं दे सकतीं। अवकाश होने पर एक बच्चे ने बताया कि उन्हें बुधवार को दूध नहीं मिलता है। वहीं, पास में स्थित प्राथमिक विद्यालय में बच्चे सब्जी और चावल खा रहे थे, लेकिन सब्जी में पानी की मात्रा अधिक थी, जबकि आलू गिने चुने पीस दिख रहे थे।


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गैस कनेक्शन के बाद भी जलता मिला चूल्हा

जाखलौन। धौर्रा स्थित कन्या प्राथमिक विद्यालय में मंगलवार को चूल्हे पर चावल पक रहा था, जबकि सब्जी पहले बन चुकी थी। बताया गया कि यहां गैस कनेक्शन है, लेकिन कभी कभार चूल्हे पर भी खाना बनाया जाता है। स्कूल में पंजीकृत 164 बच्चों के सापेक्ष संख्या कम दिखी। सहायक अध्यापक आशीष नायक ने दावा किया कि प्रतिदिन मेन्यू के अनुसार भोजन बनता है। वहीं, कपासी स्थित प्राथमिक विद्यालय में बच्चे चावल और सब्जी खाते दिखे। संवाद

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गैस सिलिंडर लीक होने पर जलवाया चूल्हा

बानपुर। प्राथमिक विद्यालय में दोपहर करीब 12 बजे चूल्हे पर खाना बन रहा था। प्रधानाध्यापिका अंजू दीक्षित ने बताया कि गैस सिलिंडर लीक हो रहा है, ठीक न होने के कारण चूल्हे पर खाना बनवाया गया है। फिलहाल यहां सब्जी और चावल बच्चों को खाने में दिए गए। संवाद


----------फैक्ट फाइल

परिषदीय व कंपोजिट विद्यालय-1354

कस्तूरबा गांधी विद्यालय-06

कुल पंजीकृत बच्चे 1.68 लाख

स्कूलों में कुल गैस कनेक्शन-1400