लखनऊ, स्थानीय निधि लेखा परीक्षा ने जांच में 10 विभागों में 4714 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमित्ता पाई है। स्थानीय निधि लेखा परीक्षा द्वारा वर्ष 2021-22 में 10 विभागों और चार संस्थानों का आडिट किया। विधान मंडल में सोमवार को रखी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि विभागों द्वारा वित्तीय अनियमित्ता की गई है।
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नगर निगम व जल संस्थन द्वारा 370.94 करोड़, नगर पालिका परिषद 377.29 करोड़, नगर पंचायत में 122.51 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमित्ता की गई है। मंडल परिषद समिति 2678.37 करोड़, बेसिक शिक्षा विभाग के जूनियर हाईस्कूलों द्वारा 783.14 करोड़, कृषि विश्वविद्यालय 6.59 करोड़, विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों 261.19 करोड़, इंटर कॉलेज व संस्कृत विद्यालय 9.88 करोड़, मदरसों में 53.80 लाख, गोवंश आश्रय स्थलों 10.67 करोड़ अन्य विविध विभागों में 1.30 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमित्ता की बात रिपोर्ट में कही गई है।
अयोध्या में जलकर वसूली में करोड़ों का चूना
अयोध्या शहर में शासन द्वारा तय जलापूर्ति कनेक्शन की दरें न वसूले जाने से 1.38 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह लापरवाही वर्ष 2019-20 के दौरान हुई है। स्थानीय निधि लेखा परीक्षा ने नगर निगमवार की गई लापरवाही से हुए नुकसान पर आपत्ति जताई है।ट्रांसफामरों से किराया न वसूले जाने से 21 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। मोबाइल टावरों से लाइसेंस शुल्क न लेने से छह लाख रुपये का नुकसान हुआ। शाहजहांपुर नगर निगम में वर्ष 2002 के बाद गृहकर व जलकर की वसूली न होने से 7.42 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। विभिन्न स्थानों पर तांगा, जीप, थ्री व्हीलर व होर्डिंग का ठेका न उठाए जाने से 39.61 लाख रुपये का नुकसान हुआ।