कुछ लोग फ़ालतू का शोर कर रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आएगा, तभी स्थिति साफ़ होगी। बात भी सही है, लेकिन फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार के लिए खंडपीठ का आदेश ही प्रभावी है, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में पक्षकार बनी ही नहीं।
मुझे हंसी आती है ऐसे लोगों के विधिक ज्ञान पर और उन पर भी जो कहते हैं कि स्वेच्छा से जो ले रहे हैं, उनका कुछ नहीं होगा। जो चीज़ NCTE के मानकों के अनुसार नहीं है, उसे वापस तो होना ही होगा, चाहे सरकार कितनी भी कहती रहे कि ये पद और वो पद बराबर हैं।
स्थिति पहले भी स्पष्ट हो चुकी थी और अब शिक्षामंत्री जी ने कल भी लिखित में बता दिया है। बाकी कहते रहो कि मिशन प्रमोशन चल रहा है या हमारी याचिका के अधीन है, हकीकत सबके सामने है। मैंने पहले ही कहा था कि हेड मास्टर फॉर्म न भरें, लेकिन अब जब वापसी होगी तो वह जगह नहीं मिलेगी और न जाने किस विद्यालय में भेज दिया जाएगा।