मुरादाबाद, स्क्रीन टाइम लगातार बढ़ने से बच्चों की आंखें कमजोर होने के लगातार सामने आ रहे मामलों के बीच अब ऐसे बच्चों की आंखों में परेशानी ज्यादा बढ़ जाने की समस्या सामने आई है जो स्मार्ट क्लासरूम में सबसे आगे की पंक्ति में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। विशेषज्ञों ने अभिभावकों को बच्चों का स्क्रीन टाइम घटाने की सलाह दी। बता दें कि देश में स्मार्ट क्लास की शुरुआत वर्ष 2004 में हुई।
समस्या बढ़ने के बड़े कारण : लंबे समय तक स्क्रीन पर लगातार देखते रहना, पलकें कम झपकाना, कमरे में कम रोशनी होना, स्क्रीन की चमक अधिक होना, सेटिंग संबंधी दिक्कतें होना आदि। शैक्षणिक सत्र 2024–25 में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों सहित 29 राज्यों के सरकारी विद्यालयों में 3655 स्मार्ट क्लास स्थापित की जाएंगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने 28,841 लाख रुपये की राशि आवंटित की है।
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पहले से कमजोर नजर वालों को अधिक नुकसान : ऐसे करीब चालीस फीसदी बच्चों की आंखें प्रभावित होने की समस्या पर मंथन किया गया। मुरादाबाद में कई शहरों के नेत्ररोग विशेषज्ञों ने जरूरी सलाह साझा की। कांफ्रेंस में बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑफ्थेलमॉलॉजी के विभागाध्यक्ष, डॉ.आरपी मौर्या ने बताया कि स्मार्ट क्लास रूम में डिजिटल माध्यम से पढ़ाई करने के लिए बच्चे सबसे आगे बैठ रहे हैं ।