प्रयागराज: 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा के उत्तरमाला में एक प्रश्न के गलत उत्तर ने तमाम अभ्यर्थियों के शिक्षक बनने के सपने छीन लिए, लेकिन हाई कोर्ट ने इसे अपने आदेश से सुधारा। कोर्ट गए अभ्यर्थियों के पक्ष में निर्णय दिया कि याचिका लगाने वालों में एक अंक से चयन से वंचितों को गलत उत्तर का एक अंक देकर नियुक्ति दी जाए। इस आदेश के सौ दिन से ज्यादा बीत जाने पर भी नियुक्ति न मिलने से नाराज अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के बाहर बुधवार को लगातार दूसरे दिन धरना दिया।
पीएनपी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने अभ्यर्थियों को बताया कि मामला शासन में विचाराधीन है। ‘सरकार’ के निर्णय के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
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प्रयागराज : 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा के उत्तरमाला में एक प्रश्न के गलत उत्तर ने तमाम अभ्यर्थियों के शिक्षक बनने के सपने छीन लिए, लेकिन हाई कोर्ट ने इसे अपने आदेश से सुधारा। कोर्ट गए अभ्यर्थियों के पक्ष में निर्णय दिया कि याचिका लगाने वालों में एक अंक से चयन से वंचितों को गलत उत्तर का एक अंक देकर नियुक्ति दी जाए। इस आदेश के सौ दिन से ज्यादा बीत जाने पर भी नियुक्ति न मिलने से नाराज अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) कार्यालय के बाहर बुधवार को लगातार दूसरे दिन धरना दिया। पीएनपी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने अभ्यर्थियों को बताया कि मामला शासन में विचाराधीन है।
‘सरकार’ के निर्णय के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाएगी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के बाहर धरने में दूसरे दिन एक अंक से चयन से वंचित प्रदेश भर से अभ्यर्थी बड़ी संख्या में शामिल हुए। इसमें विभिन्न जिलों से आईं महिलाएं भी शामिल रहीं। ये अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति को लेकर पीएनपी सचिव से लिखित आश्वासन चाहते थे। लखनऊ से लौटे सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने धरना दे रहे अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल से बात की। अभ्यर्थी दुर्गेश शुक्ला, राम मिश्रा, रोहित शुक्ला, प्रसून, विवेक आदि को बताया कि प्रकरण को शासन स्तर पर संदर्भित किया जा चुका है। इस पर शासन स्तर से न्याय विभाग को निर्णय करना है। उसी निर्णय के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। दुर्गेश शुक्ल ने बताया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट और लखनऊ खंड पीठ में करीब एक हजार अभ्यर्थियों ने याचिका लगाई है। कोर्ट के आदेश का अनुपालन शीघ्र किए जाने की मांग की है।