ई- विद्या योजना से पांच लाख छात्रों की संवरेगी शिक्षा

गोंडा। कोरोना संकट हो या फिर कोई समस्या। स्कूल बंद होने की स्थिति होती है तो छात्रों की शिक्षा अब प्रभावित नहीं होगी। ई-विद्या योजना शुरू किया जा रहा है। इससे कक्षा-एक से 12 तक करीब पांच लाख छात्रों को योजना से शिक्षा हासिल हो सकेगी। दो सालों से कोरोना संकट से प्रभावित हुई पढ़ाई के बाद ई- विद्या योजना कारगर साबित होगी। जिले के 3100 बेसिक स्कूलों के साथ ही 485 माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने वाले पांच लाख से अधिक छात्रों को ई- विद्या योजना से जोड़ने की मुहिम चलेगी।


कोरोना से बढ़ता संक्रमण और उस पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन जैसी व्यवस्थाओं के लागू होने से पढ़ाई प्रभावित हुई थी। पांच लाख से अधिक छात्र हैं, जो अपना भविष्य तय करने की राह पर थे और अभी भी हैं। बेहतरीन शिक्षा के साथ रोजगार के पूरे अवसर चाहिए। मगर बढ़ती महामारी ने सबको प्रभावित किया। ऑनलाइन क्लास की कीमत इतनी अधिक होती है, कि हर मां-बाप इसका खर्चा उठाने में असमर्थ होते हैं। ई-विद्या योजना ग्रामीण और माध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों के लिए बेहद ही लाभदायक साबित होगी। पीएम ई-विद्या योजना से वन क्लास वन टीवी चैनल कार्यक्रम में टीवी चैनलों के माध्यम से छात्रों को शिक्षा देने का काम होगा। ई- विद्या योजना से डिजिटल एजूकेशन को बढ़ावा मिलेगा।

टीवी चैनल से हासिल कर सकेंगे शिक्षा
ज्यादातर सरकारी स्कूलों के बच्चों की शिक्षा महामारी के चलते प्रभावित हुई है, ऐसे में मौजूदा समय को देखते हुए शिक्षा प्रणालीघ को मजबूत बनाने के लिए ई-विद्या योजना लागू हुई है। वन क्लास वन टीवी चैनल कार्यक्रम में टीवी चैनलों के माध्यम से छात्रों को शिक्षा देने का काम शुरू होगा। भले ही हर एक क्षेत्र में छात्र इंटरनेट तक नहीं पहुंच पाते, लेकिन टीवी लगभग सभी क्षेत्रों में मौजूद है। बीते सालों में आन लाइन पढ़ाई होने पर स्मार्ट फोन की व्यवस्था न होने से एक लाख से अधिक छात्र की पढ़ाई प्रभावित रही। लगभग सभी घरों में टीवी होता है। ऐसे में ई- विद्या योजना से हर छात्र जुड़ सकेंगे।
रोजगार परक शिक्षा की होगी व्यवस्था
शैक्षिक साल 2022-23 में छात्रों के कौशल को बढ़ावा देने की पहल भी होगी। वोकेशनल कोर्सेज और क्रिएटिविटी कोर्स शुरू होंगे। जिससे छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा भी हासिल कर सकेंगे। विज्ञान और गणित भाषा में 750 वर्चुअल लैब और 75 कौशल ई-प्रयोगशालाएं शुरू होने जा रही है। डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देते हुए शिक्षक डिजिटल मोड से उपलब्ध होंगे। इंटरनेट, मोबाइल फोन, टीवी-रेडियो के माध्यम से छात्रों को उनकी भाषाओं में उच्च गुणवत्ता वाली ई- शिक्षा सामग्री उपलब्ध होगी। छात्रों के पास विकल्प होगा कि उनके पास स्मार्ट फोन नही है, तो टीवी के माध्यम से प्रशिक्षण भी हासिल कर सकेंगे।
छात्रों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए हर तरह की व्यवस्था की जा रही है। पहले भी टीवी के माध्यम से शिक्षा देने की व्यवस्था थी। अब नई व्यवस्थाओं से बड़े बदलाव दिखेंगे। फिलहाल स्कूलों में भी पढ़ाई शुरू की गई है। राकेश कुमार, डीआईओएस