उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं नजदीक है। ऐसे में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने नकलविहीन परीक्षा संपन्न कराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी से लेकर परीक्षक व कक्ष निरीक्षकों की तैनाती को लेकर तैयारी जारी है। ऐसे में अब माध्यमिक शिक्षा विभाग को परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की ड्यूटी लगाने का निर्णय लिया गया है। इसको लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक ने बेसिक शिक्षा विभाग से शिक्षकों की सूची मांगी है। शिक्षकों की ड्यूटी ऑनलाइन लगेगी।
जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए जिले में 58 परीक्षा केंद्रों का चयन किया गया है। इस बार हाईस्कूल व इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में जिले के 37,520 छात्र शामिल होंगे। शासन ने बोर्ड परीक्षाओं की तिथि भी घोषित कर दी है। 24 मार्च से बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो जाएगी। परीक्षा को नकलविहीन बनाने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इस बार परीक्षाओं में कई बदलाव किए हैं। दागी शिक्षकों की पहचान से लेकर परीक्षा केंद्रों की वेब कास्टिंग तक की तैयारी पूरी हो चुकी है। परीक्षा में नकल कराने में शिक्षकों की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए इस बार बोर्ड ने बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की ड्यूटी लगाने का निर्णय लिया है। यानी परिषदीय विद्यालय के शिक्षक बोर्ड परीक्षा में परीक्षक बनेंगे। बीएसए से शिक्षकों की सूची भी मांग ली है। सभी शिक्षकों की ड्यूटी का निर्धारण ऑनलाइन होगा। हालांकि, सूची में परिषदीय विद्यालयों के हेडमास्टर के नाम शामिल नहीं किए गए हैं। 22 मार्च से परिषदीय विद्यालयों में भी वार्षिक परीक्षा शुरू होंगी जो 27 मार्च तक चलेंगी। दोनों विभाग आपसी तालमेल के साथ सफल परीक्षाएं कराने के लिए शिक्षक नियुक्त करने में जुट गए हैं। बता दें कि पहले बेसिक शिक्षा के शिक्षकों की बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी खंड विकास अधिकारी लगाते थे। इस बार नियुक्ति में बदलाव कर किया गया है।