अब भर्तियों में नहीं आतीं भ्रष्टाचार की शिकायतें’: योगी


भर्ती में पारदर्शिता ईमानदारी के लिए प्रेरित करेगी

सीएम ने कहा कि पौने छह वर्षों में बेसिक शिक्षा परिषद में 1.26 लाख और माध्यमिक शिक्षा में शासकीय व सहायता प्राप्त कॉलेजों में 40 हजार से अधिक निष्पक्ष नियुक्तियां हुईं। उच्च शिक्षा, पुलिस समेत अन्य भर्तियां अलग हैं। संस्कृत विद्यालयों में तात्कालिक रूप से मानदेय पर शिक्षकों की भर्ती कराई गई है, साथ ही चयन की प्रक्रिया भी चलाने को कहा गया है। भर्ती की यह पारदर्शी प्रक्रिया आपको जीवन व कार्यपद्धति में ईमानदारी के लिए प्रेरित करेगी। आपकी कार्यपद्धति में भी निष्पक्षता झलकनी चाहिए।

लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। प्रवक्ताओं व सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले भर्तियों में भेदभाव होता था। वर्ष 2017 के पहले हुई भर्तियों में इस तरह भ्रष्टाचार होता था कि भर्ती निकलते ही ‘महाभारत के सभी रिश्ते’ वसूली के लिए निकल पड़ते थे। पौने छह वर्षों में सरकार ने अपराध व अपराधियों के साथ ही भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों के लिए भी जीरो टालरेंस की नीति अपनाई, जिससे युवाओं को अपनी योग्यता व क्षमता के अनुसार नौकरी हासिल हो रही है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हर भर्ती आयोग व बोर्ड निष्पक्ष काम कर रहा है। कोई भी भर्तियों में भाई-भतीजावाद, जातिवाद व भ्रष्टाचार की शिकायत नहीं कर सकता। इसका परिणाम है कि पीएम की पहल पर 10 लाख से अधिक अग्निवीरों का चयन हो रहा है। केंद्र के विभागों में 10 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार से जोड़ने की प्रक्रिया को बढ़ाया जा रहा है। इस मौके पर माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गुलाब देवी भी मौजूद रहीं।