परिषद की ओर से संचालित 2000 प्राइमरी और जूनियर विद्यालयों में एआई व रोबोटिक्स लैब स्थापित की जायेगी। ये लैब कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह से डिजाइन की गई है। इससे बच्चों की बौद्धिक क्षमता भी विकसित होगी। अधिकारियों का मानना है कि आज की तकनीकी और इंटरनेट के दौर में बच्चों के लिए ये काफी कारगर
साबित होगी। इस लैब को प्रमुख सचिव बेसिक डॉ. एमके. शनमुगा सुंदरम ने शुक्रवार को करीब से देखा और उसे समझा है। राजधानी के द - मिलेनियम स्कूल में बनी इस लैब को आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्रों की ओर से स्थापित स्टेमपीडिया ने तैयार किया है। लैब में कोडिंग, एआई,
रोबोटिक्स, एसटीईएम और टिंकरिंग जैसी 21वीं सदी की तकनीकी के बारे में सीखने का अवसर मिलेगा। प्रमुख सचिव के साथ बीएसए राम प्रवेश जिला समन्वयक अखिलेश अवस्थी, प्रिंसिपल डॉ. मंजुला गोस्वामी स्वप्निल कुमार (पार्टनरशिप प्रमुख, स्टेमपीडिया), हेडमिस्ट्रेस पूजा, उप
प्रिंसिपल दीपक, मास्टर ट्रेनर सुमन कुमारी, स्कूल समन्वयक सुहानी, रोबोटिक्स प्रशिक्षक शिवम पाल और अमित उपस्थित थे।
▶ कई राज्यों में भी हुई है लैब की स्थापना
आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्रों ने अभी तक इस तरह की लैब हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, गोवा, दिल्ली, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश सहित अलग- अलग राज्यों में स्थापित की है। इस तरह की 1700 से अधिक लैब से निजी विद्यालयों के बच्चों को लाभ पहुंच रहा हैं।
▶ आईआईटी के पूर्व छात्रों के प्रयासों की सराहना
प्रमुख सचिव ने आईआईटी के पूर्व छात्रों के प्रयासों की सराहना की है और सीएसआर फंड के माध्यम से पूरे उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ऐसी लैब स्थापित करने का प्रस्ताव भी मांगा है।
▶ स्मार्ट क्लास की तरह बच्चों को आकर्षित करेगी लैब
सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास के लिए प्रदेश सरकार ने खास पहल की है। इसके लिए हाई स्पीड इंटरनेट सेवा और स्मार्ट टीवी डिस्पले बोर्ड लगने शुरू हो गए है। शैक्षिक सत्र 2024-25 में काफी संख्या में ये सुविधा प्रदान की गई है जिससे
नामांकन संख्या भी बढ़ रही है।