झटका : दूसरे बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करने पर शुल्क बढ़ेगा, दूसरे बैंक के एटीएम से रकम निकालने या लेनदेन पर शुल्क

 

क्या आप अपने बैंक के अलावा किसी दूसरे बैंक के एटीएम यानी ऑटोमेटेड टेलर मशीन का इस्तेमाल करते हैं तो आपको बता दें कि इसका शुल्क बढ़ाने की तैयारी लगभग हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक एटीएम पर आने वाले खर्च या लागत पर नए सिरे से विचार किया जा रहा है। नई सरकार के शपथ ग्रहण करने के बाद शुल्क में बदलाव हो सकते हैं।



जानकारी के मुताबिक दूसरे बैंक के एटीएम से रकम निकालने या लेनदेन करने पर शुल्क (इंटरचेंज शुल्क) बढ़ाकर 20 से 23 रुपये तक किया जा सकता है और ज्यादा नकदी निकालने पर अतिरिक्त सुविधा शुल्क भी लिया जा सकता है। जिन इलाकों में बैंकों की पैठ या एटीएम कम हैं वहां शुल्क कम रखने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण यानी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (डीबीटी) के लाभार्थी एटीएम से आराम से रकम निकाल सकें।



नए एटीएम लगाने के ऑर्डर दिए

अब ज्यादा बार भरने पड़ रहे एटीएम

यह जानकारी भी आई है कि सितंबर 2023 से मार्च 2024 तक 45,000 नए एटीएम और कैश रीसाइक्लिंग मशीनों के ऑर्डर दिए गए हैं। उससे पहले की छमाही के मुकाबले यह ऑर्डर छह गुना है। यह आंकड़ा नवंबर 2016 में नोटबंदी के समय से आज तक लगाए गए एटीएम से भी ज्यादा है। नोटबंदी के समय 2.25 लाख एटीएम थे। इस समय 2.60 लाख है।


एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, किराये, ईंधन के खर्च, नकदी भरने के शुल्क और गृह मंत्रालय की सुरक्षा शर्तों का पालन करने से लागत बहुत बढ़ गई है। 2,000 रुपये के नोट बंद होने के बाद अब एटीएम में नोट भी ज्यादा बार भरने पड़ते हैं। उद्योग इंटरचेंज शुल्क को बढ़ाकर 20 रुपये किए जाने के लिए तैयार था। कैसेट बदलने के खर्च की भरपाई को इसे 23 रुपये किया जाएगा।