प्रयागराजः वर्ष 2018 की 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में आवेदन की अंतिम तिथि 22 दिसंबर, 2018 के बाद शैक्षिक / प्रशिक्षण अर्हता पूर्ण करने वाले चयनितों को सेवामुक्त करने के आदेश से खलबली मच गई है। इसमें ऐसे अभ्यर्थियों का भी चयन कई जिलों में हो गया है, जिनका बीटीसी-2015 में बैक आने के कारण प्रशिक्षण, भर्ती आवेदन की अंतिम तिथि के बाद पूरा हुआ है। काउंसिलिंग में इसकी अनदेखी कर चयन किया गया है। इस बीच बीटीसी अनुत्तीर्ण 361 अभ्यर्थियों की सूची इंटरनेट के विविध प्लेटफार्म पर प्रसारित हुई है। इस सूची की पुष्टि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने नहीं की, लेकिन सूची में शामिल कुछ अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में अवश्य संपर्क किया है, जिन्हें बताया गया है कि प्रसारित सूची भ्रामक है।
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बेसिक शिक्षा परिषद सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी के नौ मई 2025 को सभी बीएसए को भेजे - पत्र में बताया गया है कि 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में
आनलाइन रजिस्ट्रेशन एवं आवेदन करते समय सभी शैक्षिक/प्रशिक्षण अभिलेख आवेदन की अंतिम तिथि 22 दिसंबर 2018 तक उपलब्ध होना अनिवार्य था। इस तिथि तक शैक्षिक अर्हता धारित पूरित नहीं करने वालों से स्पष्टीकरण प्राप्त कर तत्काल उनकी सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए हैं।
इस संबंध में परिषद सचिव ने 28 जिलों के बीएसए को 25 अप्रैल को तीसरा स्मरण पत्र लिखकर तय तिथि के बाद अर्हता पूरी करने वाले चयनित शिक्षकों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर आख्या नहीं भेजने पर नाराजगी जताई थी। साथ ही आदेश दिए थे कि मांगी गई आख्या दो मई तक अवश्य उपलब्ध कराएं। इसके बाद नौ मई
के पत्र में कार्यवाही कर आख्या उपलब्ध कराने के फिर निर्देश दिए गए हैं।
इधर, इस भर्ती में वर्ष 2015 तक के बीटीसी प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। इसमें उन अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे जिनके 2015 की बीटीसी मुख्य परीक्षा में बैक आए थे और बैंक पेपर की परीक्षा दिए थे। आवेदन में सिर्फ प्राप्तांक अंकित करना था, इसलिए बैंक वाले अभ्यर्थियों ने अधिक अंक भर दिए। बैक पेपर का परिणाम वर्ष 2019 में आया और प्रमाणपत्र में 2019 में घोषित परिणाम की तिथि नियमानुसार अंकित की गई।
ऐसे में उनका प्रशिक्षण भर्ती के आवेदन तिथि 22 दिसंबर 2018
तक पूरा नहीं था। कई जिलों में काउंसिलिंग में इसकी अनदेखी की
गई। इस तरह अनर्ह शिक्षकों के चयनित होने वालों का आधिकारिक आंकड़ा विभाग ने नहीं बताया है। मामले पर बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी जिले से अभी इस तरह का आंकड़ा नहीं आया है। इस संबंध में पता लगाया जा रहा है।