'प्री-प्राइमरी कक्षाओं के प्रारंभ होने के पहले परिषदीय विद्यालय, बच्चे और अभिभावक के लिए माहौल बनेगा अनुकूल'




 बेलखरनाथ प्रतापगढ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में बच्चों की बुनियादी शिक्षा को अत्यंत ही महत्वपूर्ण माना गया है। भारत सरकार ने 2025 तक कक्षा तीन में प्रवेश करने वाले सभी बच्चों के लिए मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल पाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए हैं। यह विचार सन्दर्भदाता डा०विनोद त्रिपाठी ने बीआरसी केन्द्र बेलखरनाथ धाम पर आयोजित दो दिवसीय स्कूल रेडीनेस ट्रेनिंग के समापन के मौके पर
व्यक्त किया। कोषाध्यक्ष रामराज पाल का कहना है कि बाल वाटिका के ग्रामीण वातावरण के बच्चों को विद्यालय में मिलने वाले अनुभव और शिक्षा के लिए तैयार करना है। यह तैयारी सिर्फ बच्चों के लिए नहीं बल्कि अभिभावकों और विद्यालय की तैयारी से भी है। अध्यक्षीय सम्बोधन मे फू०मा०वि० बशीरपुर हेडमास्टर अखिलेश मिश्र ने कहा कि प्री- प्राइमरी के अंतर्गत खेल एवं गतिविधियों से बच्चे सीखने के परिवेश में अपने आप को सहज महसूस कर सको स्कूल रेडीनेस प्रशिक्षण समापन सत्र का संचालन सन्दर्मदाता डा०विनोद त्रिपाठी ने किया। बता दे कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कहा गया है कि आयुवर्ग 5-6 वर्ष के बच्चों के कक्षा 1 में प्रवेश करने की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए आंगन बाडी केन्द्र और विद्यालयों के बीच समन्वय स्थापित करना अति आवश्यक हो गया है। प्री प्राइमरी स्कूल की तैयारी हेतु 2 दिवसीय प्रशिक्षण में प्रत्येक प्राइमरी स्कूल से एक एक शिक्षक शिक्षिका को शामिल किया गया। लक्ष्य है कि प्री प्राइमरी में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के क्षेत्रों में वृद्धि हेतु प्रेरणादायक परिवेश उपलब्ध हो सन्दर्भ दाताओं में गोविन्द नाथ यादव, अनिल यादव एव फरहान अहमद ने प्रशिक्षण से सम्बन्धित गतिविधियों पर चर्चा की। प्रशिक्षण में बाबा बेलखरनाथ धाम क्षेत्र के प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय से एक एक शिक्षकों सहित कुल 107 शिक्षको ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस मौके पर मंत्री अजीत कुमार उपाध्यक्ष अरुण सिंह राशिद अली एंव एआरपी डा०दिनेश वर्मा ने स्कूल रेडीनेस प्रशिक्षण प्रमाणपत्र शिक्षक शिक्षिकाओं एवं शिक्षा मित्रों को प्रदान करने में सहयोग किया।