बाराबंकी। ठंड ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। सुबह-शाम ही नहीं दिन में भी लोग गर्म कपड़े व जूते-मोजे पहनकर अपना बचाव कर रहे हैं। मगर, परिषदीय स्कूल की बात करे तो बच्चे स्वेटर व जूता-मोजा के बिना कांपते हुए स्कूल जाने को मजबूर हैं। विभाग अभी तक जहां 55 फीसदी से अधिक दो लाख 66 हजार नौनिहालों के अभिभावकों के खाते में ड्रेस की रकम नहीं भेज पाया। वहीं जिनके खाते में राशि भेजी गई। उन्होंने भी अभी तक ड्रेस, जूता-मोजा, बैग व स्वेटर की खरीद नहीं की।
जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के 1920 प्राथमिक, 475 पूर्व माध्यमिक व 369 कंपोजिट विद्यालय हैं। इन 2636 विद्यालयों में 4.80 लाख विद्यार्थी पंजीकृत हैं। बच्चों को बैग, ड्रेस, स्वेटर व जूता-मोजा सरकार मुफ्त देती थी। इस बार सरकार ने इन चीजों के लिए 1100 रुपये की राशि सीधे अभिभावकों के खाते में भेजने की नई व्यवस्था शुरू की है।
जिससे अभिभावक स्वयं बेहतर क्वालिटी के बैग, ड्रेस, स्वेटर व जूता-मोजा की खरीद कर सकें। मगर, स्कूल खुलने के तीन माह बाद भी विभाग अभी तक विद्यार्थियों की डाटा फीडिंग का काम पूरा नहीं कर सका। ऐसे में दो लाख 14,410 बच्चों की डाटा फीडिंग के बाद 23 करोड़ 58 लाख 51 हजार रुपये की राशि अभिभावकों के खाते के भेज दी गई है।
मगर, अभी आधे से अधिक यानी दो लाख 66 हजार नौनिहालों को ब्यौरा लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा के यहां अभी न पहुंचने के कारण अभिभावकों के खाते में राशि नहीं भेजी जा सकी है। ऐसे में ठंड में नौनिहालों को ठिठुरते हुए स्कूल जाना मजबूरी बना है।
दो लाख से अधिक नौनिहालों के अभिभावकों के खाते में ड्रेस की राशि भेज दी गई है। शेष के डाटा फीडिंग का काम चल रहा है। जल्द ही उनके भी खाते में राशि भेज दी जाएगी। वहीं अभिभावकों को मिली राशि से ड्रेस खरीदने को कहा जाएगा।
-अजय कुमार सिंह, बीएसए