10 दिसंबर तक मानदेय न मिलने से शिक्षामित्रों में रोष, अधिकारियों एवं कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही
विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही से मामूली मानदेय पर काम करने वाले शिक्षामित्रों को समय पर उनकी पगार नहीं मिल पा रही है। शासनादेश है कि शिक्षामित्रों को प्रत्येक माह की दस तारीख तक मानदेय का भुगतान कर दिया जाए।लेकिन जिले के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाहीं से ऐसा नहीं हो पा रहा है। इस माह में भी अब तक शिक्षामित्रों को नवम्बर का मानदेय नहीं मिला है जबकि शासन की ओर से तीन दिसंबर को ही बजट जारी कर दिया गया था।
उप्र प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष पंकज सिंह ने कहा कि शिक्षामित्र मात्र दस हजार रुपये महीना के मानदेय पर काम कर रहे हैं, वह भी समय पर नहीं मिलता है। बताया कि शासन की ओर से ब्लाक संसाधन केन्द्रों (बीआरसी) से जिला मुख्यालय पर शिक्षामित्रों की उपस्थिति प्रमाणित करके भेजने व मानदेय भुगतान की तिथि निर्धारित है लेकिन जिले में उसका पालन नहीं होता है। कहा कि कई शिक्षा मित्रों का कई माह का मानदेय बकाया है। बार-बार आग्रह के बावजूद विभाग मानदेय का भुगतान नहीं कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 15 दिसम्बर तक शिक्षामित्रों के मानदेय का भुगतान नहीं हुआ तो संघ आंदोलन शुरू करेगा।