प्रयागराज : प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में दस साल से प्रधानाचार्य पर भर्ती नहीं हुई। इससे प्रधानाचार्यों के दो हजार से ज्यादा पद खाली हैं। वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने भर्ती विज्ञापन निकाला जरूर, लेकिन भर्ती नहीं हो सकी। स्थिति यह है कि इस भर्ती के लिए आवेदन करने वाले कई शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए। ऐसे में माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट ने मांग उठाई है कि सेवानिवृत्त हो चुके आवेदकों के नाम हटाकर मेरिट तैयार की जाए, ताकि भर्ती के पद खाली न रहने पाएं। चयन बोर्ड ने प्रधानाचार्य के 599 पदों पर भर्ती के लिए 2013 में विज्ञापन निकाला।
इसके लिए करीब 25,000 आवेदन आइलाइन प्राप्त हुए। इसके बाद इस भर्ती में कोई प्रगति नहीं हुई। कई आवेदक जल्दी भर्ती कराने की मांग को लेकर हाई कोर्ट चले गए। ऐसे में चयन बोर्ड ने 31 जनवरी तक साक्षात्कार करा लेने का जवाब कोर्ट में लगाया है। चूंकि, यह भर्ती करीब आठ साल बाद शुरू हो रही है, ऐसे में आवेदन करने वाले कई शिक्षक बिना प्रधानाचार्य बने ही सेवानिवृत हो चुके हैं। इस स्थिति को देखते हुए माध्यमिक शिक्षक संघ के संरक्षक डा. हरिप्रकाश यादव ने मांग उठाई है कि साक्षात्कार के लिए बुलाए जाने वाले अभ्यर्थियों की मेरिट सूची में सेवानिवृत्त हो चुके आवेदकों को शामिल नहीं करना चाहिए।
इसके लिए नियुक्ति तिथि से सेवानिवृत्ति तिथि की गणना कर ऐसे आवेदकों को सूची में न शामिल कर उनसे नीचे की मेरिट वालों को शामिल करना चाहिए। भर्ती होने से विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की कमी दूर होने के साथ पठन-पाठन की व्यवस्था दुरुस्त हो सकेगी।
पहले मांगा 2011 भर्ती में कानपुर मंडल का साक्षात्कार हाई कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड 2011 की प्रधानाचार्य भर्ती में साक्षात्कार कराए जा चुके शेष छह मंडलों का परिणाम तैयार करा रहा है। कानपुर मंडल के 104 पदों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने वर्ष 2013 की भर्ती से पहले यह साक्षात्कार कराकर परिणाम घोषित करने की मांग की है। इसी मुद्दे पर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश (माध्यमिक संवर्ग) के प्रदेश मंत्री डा. संतोष शुक्ल की अध्यक्षता में बैठक हुई।
इसमें शामिल पुष्पेंद्र सिंह, डा. पवन तिवारी, अल्का आदि ने चयन बोर्ड के अध्यक्ष वीरेश कुमार से मांग की कि कानपुर मंडल के साक्षात्कार की तिथि जल्द घोषित की जाए। संतोष शुक्ल ने कहा कि कानपुर मंडल के लिए आवेदन करने वाले कई शिक्षक दस वर्षों से भर्ती लंबित रहने के दौरान सेवानिवृत्त हो गए। ऐसे अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया की मेरिट से बाहर किए जाने की भी मांग उठाई, ताकि उनसे नीचे की मेरिट वाले अभ्यर्थियों को मौका मिल सके।