शिक्षामित्रों को नियमित करने का का कार्य सिर्फ अखिलेश सरकार में हुआ- मोहम्मद गुलजार

 

शिक्षामित्रों को नियमित करने का का कार्य सिर्फ अखिलेश सरकार में हुआ- मोहम्मद गुलजार 
प्रदीप कुमार तिवारी (वकील) ने कहा कि जब कोई सरकार सत्ता में आती है तो उसका प्रथम उद्देशय यही होना चाहिए कि वह जनता के हितों के लिए काम करे न कि हिन्दु-मुस्लिम में उलझे, इससे न तो राज्य और न ही देश का भला होने वाला है। जनता बेरोजगारी से परेशान है। 69000 शिक्षक भर्ती के जो लोग हैं वो करीब तीन-चार महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं और जब वो अपना अधिकार मांगने जाते हैं तो उनके साथ बर्बरता की जाती है। उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ बोल रहे थे कि यहां कोई योग्य उम्मीदवार ही नहीं है


 
और उन योग्य उम्मीदवारों के साथ छल कपट करके अपने मनचाहे लोगों की भर्ती कर दी गई है। आज जनता चाहती है कि उसके लिए अस्पताल बने, युवाओं के लिए विश्वविद्यालय बने..आदि। ऐसे कोई काम ये गिना नहीं सकते हैं जिसकी नींव रखे हों और साढ़े चार में पूरा कर दिए हों। उधर, विकास के नाम पर नीरज नाम के एक युवक ने कहा कि बहुत सी ऐसी चीजें हैं, आने वाले समय में पता चलेगा कि योगी और मोदी ने क्या कहा?


मोहम्मद गुलजार खान ने कहा कि पांच साल में हमने केवल अर्थियां सजते देखा है। कोरोना काल में लोगों को विस्तर नहीं मिली, हमने किसानों की शहादतें देखीं। अमेजन में 7000 लोगों की भर्तियां हुई थीं लेकिन अब 1400 बचे हैं। रोजगार के लाले पड़े हैं। विपिन कुमार ने कहा कि जनता भाजपा को हराना चाहती है।

 
संजय कुमार यादव ने कहा कि शिक्षकों के हित का सवाल हो, ग्रांट का सवाल हो, उनके मानदेय का सवाल हो या फिर शिक्षामित्र को नियमित करने का सवाल हो सिर्फ और सिर्फ नेता जी व अखिलेश यादव जी की सरकार में हुआ है।