मैनपुरी: घिरोर ब्लाक के गांव नाहिली के कंपोजिट विद्यालय में धरने पर बैठे शिक्षक, विद्यार्थियों और अभिभावकों की मांगों के आगे आखिरकार प्रशासन झुक गया। प्रधानाध्यापक और शिक्षक को विद्यालय से स्थानांतरित कर दिया गया। शिक्षिका का संबद्धीकरण भी समाप्त कर दिया गया। आरोपों की जांच खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) करेंगे।
कंपोजिट विद्यालय में सोमवार दोपहर दो बजे शिक्षकों के विवाद को समाप्त कराने गए बीएसए कमल सिंह का शिक्षक राजेश यादव से विवाद हो गया था। गिरेबान खींचने और धक्का-मुक्की में बीएसए का चश्मा और शर्ट के बटन टूट गए थे। शाम चार बजे चैनल का ताला लगाकर शिक्षक राजेश यादव और पांच दर्जन से अधिक विद्यार्थी धरने पर बैठ गए। शाम सात बजे तहसीलदार अरुण कुमार और एसओ पहलवान सिंह वार्ता को पहुंचे, लेकिन विफल रहे। रात आठ बजे एसडीएम मान सिंह पुंढीर और सीओ भी पुलिस के साथ पहुंचे, लेकिन बात नहीं बन सकी। रात साढ़े नौ बजे एडीएम रामजी मिश्र ने भी प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली। रात दस बजे प्रशासन ने भाजपा नेत्री उर्मिला चौहान और प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष मुकेश को पदाधिकारियों के साथ भेजा, लेकिन वह भी विफल रहे। इसी दौरान बच्चों को पानी पीने निकाल रहे शिक्षक राजेश को पुलिस ने पकड़ लिया। बालिकाएं चीखने लगीं तो ग्रामीण आक्रोशित हो गए। ग्रामीणों का रुख देख पुलिस बैकफुट पर आ गई। ग्रामीण भाजपा और मुख्यमंत्री जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। रात बारह बजे के बाद डीएम अविनाश कृष्ण सिंह, एसपी अशोक कुमार राय, एडीएम रामजी मिश्र, एसडीएम, बीएसए कमल सिंह आदि अधिकारी थाने पर आए। धरनास्थल पर जानकारी भेज शिक्षक और आठ विद्यार्थियों को अभिभावकों के साथ थाने बुलाकर उनकी बातों को सुना गया। रात करीब डेढ़ बजे तक चली वार्ता के बाद डीएम ने दो शिक्षकों को हटाने और शिक्षिका का संबद्धीकरण समाप्त करने की बात कही तो शिक्षक और अन्य मान गए। शिक्षक ने पानी पीकर धरना समाप्त कर दिया। वार्ता के दौरान प्रधान प्रतिनिधि मनभावन शाक्य, ओमवीर चौहान, आनंद चौहान, निहाल सिंह, रामरतन चौहान, गिरीश चंद, मिलाप सिंह, लायक सिंह, गौरीशंकर आदि ग्रामीण और अभिभावक भी मौजूद रहे।
सोमवार को हुए घटनाक्रम को लेकर मंगलवार को गांव नाहिली के प्राथमिक विद्यालय द्वितीय पर अभिभावकों से हुई वार्ता के दौरान ग्रामीणों ने कहा कि शिक्षक राजेश को हटाया जाए। वार्ता के दौरान ब्लाक प्रमुख सत्यपाल सिंह यादव, भाजपा नेत्री उर्मिला चौहान, प्रधान पति मनभावन शाक्य, पूर्व प्रधान प्रबलकांत चौहान, ज्ञानेंद्र गौतम, तहसीलदार अरुण कुमार यादव, थाना प्रभारी पहलवान सिंह, उपनिरीक्षक सुधीर कुमार, ओमवीर सिंह, दिलीप मिश्र समेत दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।
मैनपुरी: नाहिली के कंपोजिट विद्यालय में बीएसए के साथ अभद्रता यकायक नहीं, सुनियोजित थी। इस मामले की प्रशासन को जांच कराकर कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे माहौल के बीच शिक्षक कैसे दायित्व निभाएंगे।
यह बात मंगलवार को उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति बेसिक शिक्षक एसोसिएशन की बैठक में संगठन के पदाधिकारियों ने कही। बुद्ध विहार आजानगर में जिलाध्यक्ष सुधीर कठेरिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मवीर सिंह, मंडल अध्यक्ष रूपकिशोर, जिला महामंत्री महेंद्र भारती ने आरोपितों पर कार्रवाई की मांग रखी। इस दौरान विनोद गौतम, मुकेश कुमार, राकेश कुमार, धर्मेंद्र कठेरिया, प्रवीण कुमार, मनोज कुमार, कमल प्रभाकर, प्रदीप चक, नीतू सिंह, धीरज कुमार आदि शिक्षक मौजूद रहे।
मैनपुरी: नाहिली कंपोजिट पाठशाला में वैसे तो विवाद काफी दिनों से चल रहा था। मिडडे मील और अन्य सुविधाओं पर शिक्षक राजेश मुखर था तो संबद्ध शिक्षिक निशंका जैन उस पर बच्चों को खेल आदि गतिविधियों से रोकने का आरोप लगा रहीं थी। दो दिसंबर को भी विवाद हुआ, जो तीन दिसंबर को बढ़ा तो एसडीम आदि अधिकारी आए। इसके बाद छह दिसंबर को यह विवाद फूट पड़ा।
सोमवार रात घिरोर थाने में शिक्षकों और छात्र-छात्रओं की बात सुनकर मामले का निस्तारण कराते डीएम अविनाश कृष्ण सिंह साथ में एसपी अशोक कुमार राय ’ जागरण
इन पर हुई कार्रवाई
आधी रात बाद हुई कार्रवाई में कंपोजिट विद्यालय की प्रधानाध्यापक रूबीना इजहार को घिरोर कस्बा के पूर्व माध्यमिक स्कूल और शिक्षक महेंद्र प्रताप सिंह को नगला बाज स्थानांतरित किया गया। संबद्धीकरण पर चल रही शिक्षिका अंशिका जैन को हटाकर उनके मूल विद्यालय नगला आशा, कल्होर पछां भेजा गया।
बीईओ कराएंगे एमडीएम का वितरण
विवाद की जड़ में शामिल एमडीएम को काम सुचारू होगा। इसकी जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारी मनींद्र कुमार को दी गई है। यह विद्यालय में पठन-पाठन का माहौल भी बनवाएंगे।
ऐसे बढ़ा विवाद
कारण एक- बीते सप्ताह गुरुवार को शिक्षकों में हुए विवाद को शिक्षा अधिकारी समाप्त नहीं कर सके।
कारण दो- शुक्रवार को फिर विवाद होने पर एसओ, तहसीलदार और एसडीएम आए। शिक्षक राजेश ने 15 पेज की शिकायत दी, लेकिन अधिकारी दबा गए।
कारण तीन- निरीक्षण को आए बीएसए वक्त की नजाकत को नहीं भांप सके। जिससे विवाद और बढ़ गया।
बवाल से निपटने को था इंतजाम
प्रशासन पर बच्चियों को किसी भी प्रकार से विद्यालय से निकालने का दबाब था, जिसे लेकर बड़ी कार्रवाई का विकल्प तैयार किया गया था। प्रशासन ने मौके पर हालात से निपटने के लिए कुर्रा, बरनाहल, औंछा, दन्नाहार थाने की पुलिस के अलावा पीएसी और दमकल को भी बुला लिया था।
डीएम की मौजूदगी में रात को वार्ता के बाद शिक्षक राजेश यादव और विद्यार्थियों ने धरना समाप्त कर दिया। तीन शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है। एमडीएम के सुचारू वितरण का काम बीईओ कराएंगे। शिक्षक के लगाए गए आरोपों की जांच होगी।
कमल सिंह, बीएसए