स्मार्ट क्लासेज और बेहतर प्रयास से सरकारी स्कूलों की ओर बच्चों का बढ़ा रुझान


निचलौल क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में पिछले गत वर्षों की तुलना में इस वर्ष नामांकन में करीब 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि जिम्मेदार मानते हैं कि विभागीय सख्ती और सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं की बदौलत नामांकन में बढ़ोतरी हुई है।






नामांकन में काफी बच्चे ऐसे हैं जो निजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे थे। बीआरसी कार्यालय में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक क्षेत्र में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक के कुल 180 विद्यालय है। जिसमें 700 शिक्षक, अनुदेशक और शिक्षामित्र की तैनाती की गई है। आंकड़ों के अनुसार जहां परिषदीय विद्यालयों वर्ष 2020-21 में 24049 बच्चों का नामांकन हुआ था। वहीं, वर्ष 2021-22 में जिम्मेदारों द्वारा 29418 बच्चों का नामांकन किया गया है।



वहीं, बंजारी पट्टी गिरहिया में तैनात शिक्षक भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के बेहतर प्रयास, ऑनलाइन क्लासेज और मुहल्ला क्लास का संचालन जारी रहा। विद्यालय बंद रहने के बाद भी शासन की तरफ से मिड- डे-मील के तहत बच्चों के अभिभावकों के खाते में कनवर्जन राशि और खाद्यान्न का वितरण किया गया। इसका असर रहा कि शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में बच्चों का रुझान बढ़ा।


 


अरदौना स्थित परिषदीय स्कूल में तैनात शिक्षक अखिलेश कुमार का कहना है कि परिषदीय स्कूलों में नामांकन बढ़ने की कई वजह है। बच्चों के नामांकन बढ़ोत्तरी का मुख्य वजह विभाग द्वारा निजी स्कूलों पर सख्ती करते हुए परिषदीय स्कूलों में बेहतर शिक्षा के साथ सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना। जबकि सरकार की नई शिक्षा नीति के चलते भी समाज का नजरिया शिक्षकों के प्रति बदला है।



बगैर परीक्षा प्रमोट करना भी बना कारण लोगों का यह भी मानना है कि कोरोना संक्रमण के चलते विद्यालय बंद चल रहे थे। बीते सत्र में परीक्षा का आयोजन नहीं हुआ। इसलिए सरकार ने पहले ही परीक्षाएं नहीं कराने की घोषणा कर दी थी। बच्चों को अगली कक्षाओं में केवल प्रमोट करना था। इससे कई अभिभावकों ने समझा कि प्रमोट ही होना है तो प्राइवेट स्कूलों में मोटी फीस जमा कराने से क्या फायदा।

निरंतर सरकारी स्कूलों में मजबूत आधारभूत ढांचा तैयार कराने के साथ विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। जिसके चलते पिछले वर्ष के अपेक्षा इस वर्ष 20 फीसदी नामांकन में बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदीप शर्मा, बीईओ, निचलील