उन्नाव। जिले के परिषदीय स्कूल परिसर में संचालित आंगनवाड़ी केंद्र अब प्री प्राइमरी के रूप में विकसित होंगे। केंद्र सरकार की नई शिक्षानीति में कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर यह व्यवस्था लागू की गई है। जिन विद्यालयों के परिसर में आंगनबाड़ी केंद्र बने हुए हैं पहले चरण में उन्हीं छात्रों को लाभ मिलेगा।
प्री प्राइमरी पास करने के बाद ही छात्रों को कक्षा एक में प्रवेश मिलेगा अभी तक अभिभावक सीधे कक्षा एक में ही प्रवेश करा देते थे। लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। नई शिक्षा नीति-2020 के तहत लागू की गई व्यवस्था में शिक्षकों के साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा इसके लिए यूनिसेफ ने 'ब्लेंडेड एप्रोच' नाम से कार्यक्रम तैयार किया है। आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री-प्राइमरी स्कूल के रूप में संचालित करने के लिए प्री प्राइमरी का पाठ्यक्रम तैयार कराया जा रहा है। इससे बच्चों में पढ़ने लिखने व समझने की क्षमता विकसित होगी। इसमें 3 से 6 साल आयु वर्ग के बच्चों को शामिल किया गया है। जिला कार्यक्रम प्री प्राइमरी स्कूल के संचालन के लिए ब्लॉक, जिला स्तर पर रिसोर्स ग्रुप का गठन किया जाएगा। जिले स्तर पर बनाए गए ग्रुप में बाल विकास परियोजना अधिकारी, दो मुख्य सेविका और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा।
अधिकारी राकेश मिश्रा ने बताया कि जिले में 1980 परिषदीय स्कूल ऐसे हैं जिनमें आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। व्यवस्था को लागू करने के लिए शिक्षकों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण भी शुरू करा दिया गया है।