तीन दिन पर जाएगा फोन, पाचवें दिन घर पहुंचेगे शिक्षक

 ज्ञानपुर। परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बेहतर करने के लिए शिक्षा विभाग अब विशेष अभियान चलाएगा। तीन दिन विद्यालय न आने पर अभिभावकों को फोन और पांचवें दिन शिक्षक खुद ही घर पहुंचेंगे। स्कूल महानिदेशक का पत्र आने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग उसे अमली जामा पहनाने में जुट गया है।


शासन स्तर से स्कूलों में अधिक से अधिक पंजीकरण के साथ उनकी उपस्थिति बढ़ाने का प्रयास चल रहा है। इसके बावजूद भी काफी संख्या में स्कूलों में प्रतिदिन की औसतन उपस्थिति 60 प्रतिशत से भी कम हो रही है। इसे गंभीरता से लेते हुए बेसिक शिक्षा परिषद ने सभी बीएसए को उपस्थिति बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। सभी को 10 प्रतिशत उपस्थिति बढ़ाने का लक्ष्य भी दिया गया है। निर्देशित किया है कि अगर बच्चा चार से छह दिन तक अनुपस्थित रहता है तो घर जाकर शिक्षक अभिभावकों से बातचीत कर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें। अभिभावकों से मुलाकात में शिक्षक बच्चे की अनुपस्थिति का कारण जानकर उसे दूर करने की दिशा में प्रयास करेंगे। जिले में 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। 




जिसमें एक लाख 67 हजार बच्चे पंजीकृत है। महानिदेशक ने भेजे पत्र में कहा कि परिषदीय विद्यालयों में बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने के साथ-साथ पाठ्य पुस्तकें, यूनीफार्म, जूता-मोजा, बैग, मिड-डे मील आदि भी नि:शुल्क दिया जा रहा है। इसके बावजूद प्रतिदिन की उपस्थिति औसतन 60 प्रतिशत ही है। संज्ञान में आया है कि शिक्षकों का समय से विद्यालय न पहुंचना, छोटे भाई-बहनों का ध्यान रखने के लिए बच्चों का घर पर रहना, खेती के काम में माता-पिता की मदद करना व घर के अन्य कार्यों में व्यस्त रहना आदि कारण कम उपस्थिति के लिए पाए गए। पत्र में कहा कि यदि कोई बच्चा लगातार एक से तीन दिन तक अनुपस्थित रहता है तो उसके अभिभावक से फोन कर स्थिति जानें। 


चार से छह दिन तक अनुपस्थित रहने पर घर जाकर शिक्षक अभिभावकों से बातचीत कर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें। बच्चे के एक सप्ताह से अधिक अनुपस्थित रहने पर शिक्षक ग्राम प्रधान की मदद से अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने को प्रेरित करें। बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि निदेशक का पत्र आया है। जिसको लेकर सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है