04 January 2024

सचिव को एचआइवी पीड़ित शिक्षक के स्थानांतरण पर निर्णय लेने का निर्देश

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा सचिव बेसिक शिक्षा परिषद अपनी शक्ति का करें इस्तेमाल


प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के सचिव को एचआइवी पीड़ित सहायक अध्यापक के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि एचआइवी गंभीर बीमारी है, किंतु 27 दिसंबर, 2016 को जारी शासनादेश में इसे शामिल नहींकिया गया है।


कोर्ट ने कहा, उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली के तहत सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को असामान्य परिस्थितियों में निर्णय लेने का अधिकार प्राप्त है। इसलिए सचिव याची के प्रत्यावेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए छह सप्ताह में सकारण आदेश पारित करें।

यह आदेश न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ल ने बहराइच में नियुक्त एचआइवी पीड़ित सहायक अध्यापक की याचिका पर दिया है। याची ने अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए दो जून, 2023 को 2016 के शासनादेश के तहत अपना स्थानांतरण बहराइच से संभल या बदायूं करने के लिए आनलाइन आवेदन किया। शासनादेश में प्रविधान है कि जो अध्यापक गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, उनके अंतर्जनपदीय तबादले संबंधी आवेदन पर 20 वरीयता अंक दिए जाएंगे।


याची के आवेदन पर कोई अंक नहीं दिया गया और यह कहते हुए उसका आवेदन खारिज कर दिया गया कि शासनादेश की गंभीर रोगों की सूची में एचआइवी शामिल नहीं है। कोर्ट ने कहा, 'एचआइवी को गंभीर बीमारियों की सूची में न शामिल करना सही नहीं है।



यह सर्वविदित है कि एचआइवी गंभीर रोग है और इससे पीड़ित व्यक्ति सामान्य जीवन नहीं जी पाता।' बेसिक शिक्षा परिषद की वकील का कहना था कि याची ने अपने आवेदन में रोग को लेकर कोई दावा नहीं किया और अब स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, इसलिए कुछ नहीं किया जा सकता।